नक्सलियों का मकसद गरीब आदिवासियों की संस्कृति मिटाना, पैसा उगाही करना और सत्ता हासिल करना है: फारुख अली
के. शंकर @ सुकमा। माओवादियों द्वारा जारी पर्चे के जवाब में समाज सेवी एवं नक्सल विरोधी विचारक फारुख अली ने कहा है कि नक्सली PLGA सप्ताह के नाम से निर्दोष ग्रामीणों का खून बहाने को क्रांति कहते हैं। माओवादी सिर्फ निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या करके आदिवासी संस्कृति समाप्त करना चाहते हैं और पैसा उगाही करना, बंदूक की नोक पर सत्ता हासिल करना चाहते हैं।
फारुख ने कहा पिछ्ले दिनों सुकमा जिले मे आईडी ब्लास्ट मे सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट शहीद हो गए थे। नक्सलियों ने सुनियोजित साजिश के तहत जगह-जगह आईईडी प्लांट किए और स्पाइक होल लगाए थे। जवानों एवं ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों ने नापाक साजिश रची थी।
धोखे से वार कर बुजदिली का परिचय देना बंद करें
स्पाइक होल एवं प्रेशर आईईडी की चपेट में आकर जवानों के अलावा मासूम आदिवासी बच्चे, ग्रामीण, बुजुर्ग महिलाएं एवं मवेशी अपनी जान गंवा चुके हैं। फारूख अली ने माओवादियों से कहा कि धोखे से वार करने को युद्ध नही कहते, उसे बुजदिली कहते हैं।
कब खत्म होगी ये हिंसा
30 नवंबर को माओवादियों ने बीजापुर मे एक सिविल वाहन को बम से उड़ाकर दो ग्रामीणों को जान से मारने का कोशिश की। बीजापुर के ही गोंगला गांव के ग्रामीण रामलू वेंडजा को उसके परिवार के सामने बेदर्दी से गला घोंटकर हत्या कर दिया।
PLGA सप्ताह में कमकानार के हापकापारा और गायतापारा निवासी 2 युवकों पर मुखबिरी का झूठा आरोप लगाकर उनकी हत्या कर दी। परिजन नक्सलियों के डर से पुलिस मे खबर तक नही किए।
- फारूख अली ने नक्सलियों को उन्हीं के अंदाज मे जवाब देते हुए ये मांग की है…
(1) प्रेशर आईडी लगाना एवं स्पाइक होल लगाना बंद करो।
(2) जल जंगल जमीन के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्याएं बंद करो।
(3) बाहरी नक्सली बस्तर छोड़ो बस्तर छोड़ो।
(4) क्षेत्रीय नक्सली बाहरी माओवादियों के बहकावे मे आकर अपनों का खून बहाना बंद करो।
(5) क्षेत्रीय भटके हुए नक्सली आत्मसमर्पण करो।
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