पंकज दाऊद @ बीजापुर। गोदावरी और इंद्रावती के संगम पर बने भद्राकाली मंदिर में नवरात्र पर रोजाना सैकड़ों भक्त उमड़ने लगे हैं। यहां मप्र, तेलंगाना और महाराष्ट्र के भक्तों ने भी अपने नाम से ज्योत प्रज्जवलित करवाए हैं।
भद्रकाली गांव के बुजूर्ग लोगों के सहयोग से यहां कई सालों से नवरात्र पर पूजा अर्चना होती आ रही है। नवरात्र पर पड़ोसी राज्यों से भी भक्त पैदल इस मंदिर तक पहुंच पूजा अर्चना कर रहे हैं।
पुजारी आनंदा सत्यनारायण ने बताया कि इस साल 325 ज्योत प्रज्जवलित किए गए हैं। इनमें से 302 तेल और 23 घी के दिए जलाए गए हैं। मनोकामना दीप पर तेल घी डालते रहने गांव के युवा हमेशा वहां मौजूद रहते हैं। इनमें गांव के पुजारी सुरे लक्ष्मैया एवं नल्ली कुरसम भी हैं। इनके अलावा गांव के बुजूर्ग कुरसम वैंकया, इंजा परदेशी, कुरसम गणेश, कुरसम बसवैया, सुरे बुचैया आदि लोग व्यवस्था बनाते हैं।
यहां आने वाले भक्तों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उपवास वाले भक्तों को फल दिए जाते हैं। गांव के लोग महाराष्ट्र के अंकीसा से पुजारी आरंदा सत्यनारयण को हर साल बुलाते हैं। पूरे नौ दिनों तक हवन पूजन होता है।
यहां मेला बसंत पंचमी पर फरवरी में भरता है, तब यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बकरों और मुर्गों की बलि मेले के दौरान दी जाती है।
ये है समस्या
गांव के लोगों ने बताया कि मेले के दौरान परिक्रमा करने पर कठिनाई होती है। इसके लिए गांव के लोगों ने रिटेनिंग वॉल और ग्रिल लगाए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी बताया गया है। इसके अलावा यहां भोजन तैयार करने के लिए एक ष्षेड की जरूरत है। मंदिर परिसर में एक बोर है लेकिन यहां से गंदा पानी आता है। पानी नीचे से लाना पड़ता है। मुख्य मार्ग से गांव तक सड़क भी नहीं है।