मिंगाचल के जल से शहरियों का गला तर होने में लगेगा वक्त… वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, पाइप लाइन का टेण्डर अभी प्रोसेस में
पंकज दाऊद @ बीजापुर। मिंगाचल नदी के जल से नगरपालिका क्षेत्र के लोगों का गला तर होने में अभी एक साल का वक्त लग सकता है क्योंकि जलशोधन गृह का काम तो 80 फीसदी हो गया है लेकिन 13 किमी पाइप लाइन बिछाने की प्रक्रिया अभी टेण्डर के स्टेज में है।
सूत्रों के मुताबिक यहां से 13 किमी दूर मिंगाचल गांव से पाइप लाइन के जरिए एजुकेशन सिटी तक पाइप लाइन से पानी लाकर शुद्ध करने के लिए एक प्रोजेक्ट करीब 34 करोड़ रूपए का है। एजुकेशन सिटी में वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम अस्सी फीसदी हो गया है।
पंप हाऊस एवं सिंक वेल बन गए हैं। मिंगाचल नदी से जलोत्थान के लिए एक इनटेक वेल भी बनकर तैयार है। यहां एक एनीकट भी प्रस्तावित है ताकि गर्मी के दिनों में भी निर्बाध रूप से जल उत्थान होता रहे।
Read More: ‘मांई दंतेश्वरी’ के नाम से पहचाना जाएगा जगदलपुर का एयरपोर्ट, CM भूपेश बघेल ने दी सहमति
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के एई रूद्रप्रताप सिंह के मुताबिक जलशोधन की क्षमता 8 मिलीयन लीटर हर दिन होगी। नगरपालिका क्षेत्र में नए और पुराने ओवरहेड टैंक को ट्रीटेड वाॅटर की सप्लाई की जाएगी। यहां से शहर के विभिन्न हिस्सों में जलापूर्ति होगी।
एई रूद्रप्रताप सिंह ने बताया कि पालिका क्षेत्र में ऐसे 13 ओवरहेड टैंक होंगे। इनमें से चार नए टैंक बनाए जा रहे हैं। इनका भूमिपूजन भी हो गया है। बस स्टैण्ड और एसपी कार्यालय के पास ओवरहेड टैंक की क्षमता चार-चार सौ किलो लीटर की होगी जबकि फाॅरेस्ट कालानी में 500 किलो लीटर का ओवरहेड टैंक होगा।
Read More: नक्सलियों ने पटवारी की बेदम पिटाई की, पर्चे में लिखा— पटवारी और रेंजर को गांव में आने से मार भगाओ !
पुराने रेस्ट हाऊस के पास ओवरहेड टैंक की कैपेसिटी साढ़े 300 किलो लीटर की होगी। सभी चारों ओवरहेड टैंक के लिए स्थल का चयन कर लिया गया है।
30 साल तक फुर्सत
एई रूद्रप्रताप सिंह के मुताबिक दिसंबर 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन इसे जून तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि ये प्रोजेक्ट तीस साल तक की आबादी के लिए जलापूर्ति कर सकेगा।
- आपको यह खबर पसंद आई तो इसे अन्य ग्रुप में Share करें…