Cheque Bounce Law: चेक बाउंस होना एक आम लेकिन गंभीर मामला बन चुका है। कई लोग सोचते हैं कि छोटी रकम का चेक बाउंस हो जाए तो शायद कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
अब चाहे चेक 1000 रुपये का हो या 1 करोड़ का, कानून के सामने इसका बाउंस होना एक अपराध है। सिर्फ ₹1000 का चेक बाउंस होने पर भी जेल हो सकती है! जी हां, चाहे रकम कितनी भी कम क्यों न हो, अगर चेक बाउंस होता है, तो इसके गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि चेक बाउंस (Cheque Bounce Law) को लेकर कानून क्या कहता है, इसमें सजा क्या है और शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया अब कितनी आसान हो गई है। पढ़िए पूरा लेख, ताकि भविष्य में किसी मुसीबत से बचा जा सके।
एक हजार का चेक बाउंस भी बना सकता है मुजरिम!
कई बार लेन-देन (Bank Transaction) के लिए हम चेक का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या हो अगर सामने वाला जानबूझकर फर्जी चेक थमा दे या उसका खाता खाली हो? ऐसे मामलों में चेक बाउंस होना आम बात है। लेकिन अब ये केवल वित्तीय गड़बड़ी नहीं बल्कि कानूनी अपराध (Legal Offense) भी माना जाता है।
चेक बाउंस: कानून सबके लिए एक जैसा
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 (Section 138 of Negotiable Instruments Act) के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी को चेक देता है और वह बाउंस हो जाता है, तो यह दंडनीय अपराध है।
- इसमें दो साल तक की जेल (Imprisonment) हो सकती है।
- या फिर चेक की रकम के दोगुने तक जुर्माने (Double Penalty) की सजा।
- कई मामलों में दोनों सजाएं एक साथ भी दी जा सकती हैं।
इस कानून के तहत यह मायने नहीं रखता कि चेक की रकम कितनी है — ₹1000 भी हो सकता है या ₹1 करोड़।
अब ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं शिकायत
पहले चेक बाउंस की शिकायत केवल 1 महीने के अंदर दर्ज करवाई जा सकती थी। लेकिन अब इस अवधि को बढ़ाकर 3 महीने कर दिया गया है। साथ ही शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया को और भी आसान कर दिया गया है।
अब आप ऑनलाइन पोर्टल के जरिए चेक बाउंस की रिपोर्ट कर सकते हैं
इससे समय और कागजी कार्यवाही दोनों की बचत होगी
बैंक को देना होगा 24 घंटे में नोटिस
नए नियमों के अनुसार, अगर किसी का चेक बाउंस होता है तो बैंक को दोनों पक्षों को 24 घंटे के भीतर सूचना देना जरूरी है। इससे धोखाधड़ी को जल्दी रोका जा सकेगा और समय रहते कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
चेक बाउंस (Cheque Bounce) होना क्यों है अपराध?
चेक बाउंस (Cheque Bounce Law in India) का मतलब है कि आपने किसी को चेक दिया, लेकिन खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण वह चेक कैश नहीं हो सका। यह भारतीय कानून के अनुसार एक दंडनीय अपराध है।
कितनी सजा हो सकती है?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138 (Section 138 of Negotiable Instruments Act) के तहत चेक बाउंस होने पर दोषी व्यक्ति को दो साल तक की जेल या चेक की रकम के दोगुने तक का जुर्माना, या दोनों सजा दी जा सकती है। यह नियम ₹1000 से लेकर करोड़ों के चेक पर लागू होता है।
जानबूझकर किया तो केस होगा दर्ज
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर (Intentionally Cheque Bounce) चेक बाउंस करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 318(4) (Section 318(4) of BNS) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए सख्त है जो बिजनेस डीलिंग्स (Business Cheque Fraud) में धोखाधड़ी करते हैं।
अब शिकायत दर्ज करना हुआ आसान
पहले चेक बाउंस की शिकायत 1 महीने के भीतर दर्ज करनी होती थी, लेकिन अब यह अवधि बढ़ाकर 3 महीने कर दी गई है। साथ ही अब आप ऑनलाइन शिकायत (Online Cheque Bounce Complaint) भी दर्ज कर सकते हैं जिससे न्याय पाना आसान हो गया है।
हमारे इस वेबसाइट पर आपको ताजा News Update सबसे पहले मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या फिर Govt Jobs, रोजगार व सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी।
हमारी कोशिश है कि आपके काम की हर खबर आप तक सबसे पहले पहुंचे। अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।