सीएम भूपेश बघेल ने 2 नए तहसील बनाने का किया ऐलान‚ कहा– बस्तर के विकास में नहीं होगी कोई कमी
बीजापुर @ खबर बस्तर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि इस वर्ष से कोदो-कुटकी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा। बीजापुर में आयोजित आमसभा में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। उन्होंने बीजापुर जिले में कुटरू और गंगालूर को तहसील बनाने की घोषणा की।
सीएम ने बीजापुर के लोहा डोंगरी, महादेव तालाब के उन्नयन और सौंदर्यीकरण सहित जिले के 12 तालाबों के गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए राशि स्वीकृत किए जाने और जिले में 10 सड़कों के विकास तथा भैरमगढ़, आवापल्ली एवं मंद्देड में बस स्टैण्ड निर्माण की घोषणा की। वहीं तोंगपल्ली और भद्रकाली में धान खरीदी केन्द्र खाेलने की मंजूरी दी।
बस्तर में जारी रहेगा विकास
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर संभाग के विकास कार्य के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। बस्तर की संस्कृति-सभ्यता, यहां के लोगों के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और खेलकूद को बढ़ावा देने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाएगा।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) January 9, 2021
सीएम ने कहा कि बस्तर में प्रतिभा की कमी नहीं है, सिर्फ अवसर देने की आवश्यकता है। सरकार बस्तरवासियों की बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और लोगों को अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जल, जंगल और जमीन में स्थानीय लोगों को अधिकार देने के लिए शासन द्वारा वन अधिकार सामुदायिक व व्यक्तिगत पट्टा दिया जा रहा है।
बंद स्कूल खुले‚ स्थानीय युवाओं को रोजगार
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा बस्तर में भूमिहीन लोगों को भूमि का अधिकार देने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। आज के दौर में बिजली लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल हो चुकी है। इस क्षेत्र में बिजली पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सरकार द्वारा बंद स्कूलों को पुनः प्रारंभ किया गया है। स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर दिये गये हैं।
डीएमफ की राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका देने के लिए किया जा रहा है। सरकार द्वारा कुपोषण से लड़ाई हेतु सुपोषण अभियान की शुरूआत की गयी, जिससे 77 हजार से अधिक बच्चे सुपोषित हो चुके है। 52 प्रकार के लघु वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य से खरीदा जा रहा है।
कोरोनाकाल में ग्रामीणों द्वारा महुआ, इमली का भी संग्रहण किया गया। बीजापुर में बांस से जुड़े रोजगार व्यवसाय से 8 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। बस्तरवासियों को रोजगार व्यवसाय से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना शासन की प्राथमिकता में शामिल है।
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