बस्तर में कोई नहीं रहेगा भूमिहीन, कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य तय होगा… CM भूपेश बोले- किसी भी सूरत में नहीं बिकने देंगे NMDC प्लांट
पंकज दाऊद @ बीजापुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लघुधान्य फसल कोदो और कुटकी के समर्थन मूल्य तय करने की घोषणा करते कहा कि अब बस्तर पहले जैसा नहीं रहा और यहां अमन व तरक्की की बयार बहने लगी है। सीएम ने कहा कि बस्तर में अब कोई भी भूमिहीन नहीं होगा और इसके लिए कायदे लचीले कर दिए गए हैं।
यहां 328 करोड़ रूपए की लागत से कार्याें के भूमिपूजन ओैर लोकार्पण कार्यक्रम में शिरकत करने रविवार की दोपहर पहुंचे सीएम भूपेश बघेल सांस्कृतिक भवन परिसर में आम सभा को संबोधित कर रहे थे। बस्तर की पारंपरिक फसल कोदा और कुटकी है लेकिन व्यापारी इसे औने पौने दाम में खरीद लेते हैं और सरकार ने इसका समर्थन मूल्य तय करने का फैसला लिया है।
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कोदो का चावल ही शहरों में 200 रूपए किलो की दर से बिकता है लेकिन किसान को यहां इसका दाम नहीं मिल पाता है। बस्तर का काजू ओडिशा के व्यापारी कम दाम पर खरीद लेते थे लेकिन अब प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर इसे सात सौ रूपए किलो की दर से बेचा जाएगा। इससे संग्राहकों की आमदनी बढ़ेगी।
प्लांट बेचने नहीं देंगे
भूपेश बघेल ने कहा कि किसी भी सूरत में नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। इसके लिए विधानसभा में एक संकल्प रखा गया है। यदि एनएमडीसी प्लांट नहीं चला पाएगी, तो इसे राज्य सरकार चलाएगी। ये पहली बार हुआ है जब कोई उद्योग शुरू होने से पहले ही बिकने को तैयार हो।
बिजली से विकास
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली से विकास के नए रास्ते बनते हैं ओैर इस जिले में बिजली के क्षेत्र में काम हो रहा है। नई लाइनें बिछाई जा रही हैं। सिंचाई, कुटीर उद्योग और अन्य काम के लिए बिजली की जरूरत होती है। उन्होंने पिछली सरकार की आलोचना करते कहा कि 15 साल में सैकड़ों स्कूल बंद हो गए लेकिन इस जिले में अब तक 56 स्कूल खुल गए हैं और आगे भी स्कूल खोले जाएंगे।
विक्रम हैं कि मानते नहीं !
छग के सीएम ने कहा कि 2013 में हार के बाद भी विक्रम शाह मण्डावी जिले के विकास के लिए सक्रिय थे और आज भी सक्रिय हैं। वे जिले में विकास कार्यो के लिए हमेषा परेशान करते रहते हैं। कभी भी फोन कर डालते हैं। उनकी मांग पर सीएम ने कई तालाबों के गहरीकरण एवं पुल पुलियों के निर्माण की मंजूरी मंच से ही दे दी।
इन स्कूलों में गांव के ही पढ़े लिखे लोगों को रोजगार मिलेगा। लाॅक डाउन के दौर में भी यहां के वनवासियों से इमली और महुआ की खरीदी की गई। ये एक मिसाल है और देश में 74 फीसदी उपज छग से ही बेची गई। अकेले बीजापुर में पिछले साल छह हजार बांस की कटाई हुई और मजदूरों को चार करोड़ रूपए का भुगतान हुआ।
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सीएम ने कहा कि बस्तर मांई दंतेश्वरी, घोटूल, मुर्गा बाजार और दशहरे के लिए दुनिया में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर में सभी घोटुलों के विकास के लिए धनराशि दी जा रही है। इसी तरह बीजापुर में देवगुड़ियों को बनाने और इनकी मरम्मत के लिए हर पंचायत को राशि दी जाएगी।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी जयंसिंह अग्रवाल ने कहा कि दो साल में बीजापुर की तस्वीर बदली है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने धान के समर्थन मूल्य की बात पर कहा कि छग पहला राज्य है जहां 2500 रूपए क्विंटल समर्थन मूल्य दिया जा रहा है और इससे पीएम नरेन्द्र मोदी के पेट में दर्द हो रहा है।
बविप्रा उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी ने सीएम के सामने जिले के विकास के लिए कई मांगे रखीं ओैर उम्मीद जताई कि सीएम सभी मांगों पर गौर करेंगे। इस अवसर पर कमिश्नर बस्तर जीआर चुरेन्द्र, आईजी पी सुंदरराज, कलेक्टर रितेश अग्रवाल, एसपी कमलोचन कश्यप, डीएफओ अशोक पटेल, जिला पंचायत सीईओ पोषणलाल चंद्राकर, आईटीआर के उप निदेषक डीके मेहर एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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