नाबालिग का कराया गर्भपात, आरोपी को 10 साल की सजा… छेड़छाड़ करने वाले को आजीवन कारावास, फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। छ्त्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में आरोपियों को सजा सुनाई है। नाबालिग का गर्भपात कराने वाले आरोपी को न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है, जबकि लड़की से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी युवक को आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी।
दंतेवाड़ा अपर सत्र न्यायाधीश शैलेष शर्मा (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की विशेष अदालत ने अलग-अलग प्रकरणों की सुनवाई करते हुए उक्त फैसला सुनाया। दोनों की आरोपियों पर न्यायालय द्वारा अर्थदंड भी लगाया गया है।
न्यायालय में प्रस्तुत अभियोजन के मुताबिक, दरअसल, पहला मामला साल 2019 का है। जगदलपुर मेडिकल कॉलेज से परपा थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि नाबालिग लड़की का गर्भपात कराया गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
पुलिस ने अपनी पड़ताल में पाया कि नाबालिग लड़की का 19 साल के लड़के अनिल कुमार उरसा से प्रेम प्रसंग था, युवक पहले नाबालिग के साथ रेप करता रहा, और जब वह गर्भवती हो गई तो दवाएं देकर उसका गर्भपात कराया गया।
गर्भपात के बाद लड़की की हालत बिगड़ने पर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके पीड़िता व परिजनों की सहमति के बाद मेडिकल जांच कराई। युवक को भी हिरासत में लेकर मेडिकल जांच की गई।
पूरे मामले की जांच के बाद कोर्ट ने युवक को दोषी माना। फिर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने युवक को 10 साल जेल की सजा व 1000 रुपए का अर्थदंड लगाया है।
छेड़छाड़ के आरोपी को आजीवन कारावास
एक अन्य मामले में छेड़छाड़ के आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी संतोष कुड़ियम नाबालिग लड़की को 12000 रुपए का काम देने की लालच में दिल्ली लेकर गया। वहां पीड़िता ने काम नहीं किया तो उसे रायपुर लेकर आया और यहां के एक होटल में ले जाकर उससे छेड़छाड़ किया।
पीड़िता ने अपने साथ घटित इस पूरी घटना की जानकारी अपने घर आकर परिजनों को दी। जिसके बाद लड़की के परिजनों ने नैमेड थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराया। पूरे मामले की जांच में कोर्ट ने युवक को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा एवं 5000 रूपए का अर्थदंड लगाया है।