घुटने के बल चलकर शक्तिपीठ पहुंच रहे श्रद्धालु… मां दंतेश्वरी का दर्शन कर भूल जाते हैं सारी तकलीफें
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की आस्था देश-विदेश में फैली है। नवरात्रि के दौरान माता के भक्त तमाम दुश्वारियों को बर्दाश्त कर शक्तिपीठ पहुंचते हैं और मांई दंतेश्वरी के दर्शन कर अपनी मुरादें पाते हैं। ऐसा ही नजारा इस साल भी दिख रहा है।
पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते शारदीय नवरात्र पर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन इस बार तमाम पाबंदियों के हटते ही भक्तों का रेला शक्तिपीठ में उमड़ने लगा है।
दूर-दराज से बड़ी संख्या में पदयात्री श्रद्धालु दंतेवाड़ा पहुंच रहे हैं। इनमें कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जो माता का आशीर्वाद पाने शक्तिपीठ का रास्ता घुटनों के बल चलकर तय कर रहे हैं।
तकलीफें सहकर पहुंच रहे शक्तिपीठ
गुरूवार को दर्जनभर से ज्यादा भक्त ऐसे दिखे, जो माता से मन्नत मांगने इस तरह तकलीफें सहकर मंदिर पहुंचे थे। इनमें से कोई अपनी मन्नत पूरी होने के बाद मां को कृतज्ञता प्रकट करने आ रहा है, तो कोई मन्नत मांगने अपने शरीर को कष्ट देकर माता के दरबार में हाजिरी लगा रहा है।
घुटने के बल चलकर दंतेवाड़ा पहुंचे देवाशीष मजूमदार, रवि यादव, राहुल दास, रमेश घोष और हरेंद्र ठाकुर ने बताया कि वे गीदम से घुटने पर आ रहे हैं। मंगलवार की शाम वे गीदम से निकले थे। बारिश की वजह से कारली पुलिस लाइन में उन्हें रूकना पड़ा।
रास्ते में जगह-जगह विश्राम के बाद उनकी टोली गुरूवार की सुबह दंतेवाड़ा पहुंची। राहुल दास ने बताया कि वे पिछले दो साल से माता के दर्शन को इसी तरह आ रहे हैं।
राहुल ने बताया कि घर की एक परेशानी को लेकर उन्होंने मां दंतेश्वरी से मन्नत मांगी थी, जिसके पूरा होने पर वे घुटने पर चलकर शक्तिपीठ पहुंच रहे हैं।
सोनारपाल चपका के रहने वाले बुधराम कश्यप भी घुटने पर चलकर दंतेवाड़ा पहुंचे। वे पिछले 3 साल से ऐसा कर रहे हैं।
चपका से वे गीदम तक पैदल चलकर पहुंचे फिर वहां से दंतेवाड़ा का रास्ता घुटनों पर तय किया। उनके साथ कृष, अस्तु कश्यप और बेनु ठाकुर सहयोगी के रूप में चल रहे थे।
सुविधा केन्द्रों की कमी
बता दें कि शारदीय वनरात्र पर मां दंतेश्वरी मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनमें बड़ी संख्या पदयात्रियों की होती है। पदयात्री श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह पर सुविधा केन्द्र बनाए गए हैं। लेकिन पदयात्रियों की संख्या के लिहाज से ये कम पड़ रहे हैं।
पदयात्रियों का कहना है कि रास्ते में उन्हें लघुशंका और टाॅयलेट की दिक्कत हो रही है। इसके अलावा कोई खास परेशानी नहीं है।
इधर, नवरात्रि से पहले सड़क की मरम्मत नहीं होने से प्रशासन द्वारा सड़क पर टाट के बोरे बिछवाए गए हैं, ताकि पदयात्रियों को चलने में परेशानी ना हो। वहीं सड़क की साफ-सफाई भी समय-समय पर की जा रही है।
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