भानुप्रतापपुर उपचुनाव की तैयारी शुरू, 6 महीने के भीतर होगी वोटिंग… जिला निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया ज्ञापन
कांकेर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद इस सीट पर उप चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है।
दरअसल, विधायक या सांसद के निधन के 6 माह के भीतर उपचुनाव कराना आवश्यक होता है। इसी के मद्देनजर राज्य चुनाव आयोग और जिला प्रशासन द्वारा भानुप्रतापपुर उपचुनाव की प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी गई है।
विधानसभा सचिवालय की ओर से भानुप्रतापपुर सीट रिक्त होने की सूचना निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दी गई है। बताया गया है कि 16 अप्रैल 2023 से पहले उप चुनाव संपन्न कराया जाएगा।
विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया कि भानुप्रतापपुर विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का निधन 16 अक्टूबर 2022 को हो गया है, जिसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है।
विधानसभा द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की भी तैयारी शुरू हो गई है।
बता दें कि विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मनोज मंडावी का इसी महीने 16 अक्टूबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। भानुप्रतापपुर विधायक के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई है।
कांग्रेस शासनकाल में 5वां उपचुनाव
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद यह 5वां उपचुनाव होगा। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में इससे पहले दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही और खैरागढ़ में उपचुनाव हुए हैं।
दंतेवाड़ा सीट पर भाजपा विधायक भीमा मंडावी, मरवाही में पूर्व सीएम अजीत जोगी और खैरागढ़ में देवव्रत सिंह के निधन के बाद उपचुनाव करवाया गया हैं। वहीं चित्रकोट सीट पर दीपक बैज के सांसद बनने के बाद चुनाव हुए थे। इन सभी चुनावों में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था।
1998 से कांग्रेस के उम्मीदवार थे मंडावी
भानुप्रतापपुर सीट से मनोज मंडावी को कांग्रेस ने पहली बार वर्ष 1998 के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। उस साल भाजपा के देवलाल दुग्गा को हराकर मंडावी पहली बार विधानसभा पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ गठन के बाद वे जोगी कैबिनेट में मंत्री भी बने। हालांकिे, 2003 और 2008 में मंडावी को हार का सामना करना पड़ा। 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा और 2008 में ब्रम्हानंद नेताम विधायक चुने गए। इसके बाद 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में मनोज मंडावी ने लगातार जीत दर्ज की।