दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। बस्तर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबरें अक्सर सुनाई देती रहती है। इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो राहत देने वाली है। दरअसल, जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक जख्मी माओवादी को अस्पताल पहुंचाया है।
बस्तर के बीहड़ों में तैनात सुरक्षा बल के जवानों द्वारा ग्रामीणों की मदद और इलाज करते तस्वीरें सामने आती रहती है। इसी सिलसिले को एक कदम आगे बढ़ाते जवानों ने घायल नक्सली को बेहतर इलाज हेतु हॉस्पिटल पहुंचाया है।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को दंतेवाड़ा व सुकमा जिले के बार्डर पर माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी दंतेवाड़ा की टीम सर्चिंग पर रवाना हुई थी। इसी दौरान गादीरास थाना क्षेत्र के नागलगुड़ा के जंगलों में माओवादी मड़कम भीमा पिता मड़कम हिड़मा के घायल होने की खबर जवानों को लगी।
जवानों ने नक्सली मड़कम भीमा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे अस्पताल पहुंचाने का फैसला किया और दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया।
पुलिस के मुताबिक नक्सली मड़कम भीमा ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से नागलगुड़ा की पहाड़ी क्षेत्र में गड्डा खोदकर लोहे का सरिया (रॉड) लगाया गया था। लेकिन जुलाई 2019 में पुलिस से बचने के लिए वह नागलगड़ा पहाड़ी में सोने जा रहा था तभी खुद के लगाए स्पाईक होल की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों द्वारा जख्मी माओवादी का ईलाज नागलगुड़ा पहाड़ी में किया जा रहा था। इसी बीच डीआरजी की सर्चिंग पार्टी को देखकर नक्सली अपने साथी को मौके पर छोड़कर भाग गए। घायल माओवादी के पैर में गंभीर चोटें देख जवान उसे अपने साथ लेकर दंतेवाड़ा पहुंचे और अस्पताल भर्ती कराया।
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बता दें कि घायल माओवादी वर्ष 2008 में सीएनएम कमाण्डर किरण के कहने पर नक्सली संगठन में संघम सदस्य के रूप में भर्ती होकर कार्य कर रहा था। वर्ष 2010 में इसे ग्राम कमेटी अध्यक्ष नागलगुड़ा बनाया गया था, तब से लेकर अबतक वह इसी पद पर रहकर माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा था।
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