Employees Benefit, Employees Pension Benefit, Pension Benefit : हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के हित में बड़े फैसले लिए हैं। हाई कोर्ट के इस फैसले के साथ ही उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
दरअसल हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि केवल इस आधार पर मृतक कर्मचारियों की विधवा को पेंशन और रिटायरमेंट लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि दस्तावेज में उनका नाम अलग है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मृतक एसईसीएल कर्मचारियों की पत्नी को रिटायरमेंट बकाया राशि का भुगतान आदेश की प्रति मिलने के साथ 60 दिन के भीतर करना अनिवार्य होगा।
ऐसे में दो महीने के भीतर उन्हें रिटायरमेंट वगैरा राशि का भुगतान किया जाना है।
मृतक कर्मचारियों की विधवा को पेंशन सहित अन्य लाभ जल्द
कोर्ट ने सीसीएल के अफसर को निर्देश भी दिया है कि इतने समय सीमा में भुगतान नहीं करने पर Rte याचिका के दाखिल होने की तिथि से 11 अप्रैल तक कुल राशि का 6% ब्याज की दर से भुगतान करना पड़ेगा।
ऐसे में यह तो निश्चित है की मृतक कर्मचारियों की विधवा को पेंशन सहित अन्य लाभ जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उन्हें 6% ब्याज की दर के साथ भुगतान करना होगा। कोर्ट ने इस मामले में बेहद गंभीरता दिखाई है।
आदेश जारी
यही कारण है कि एसईसीएल की अफसर को इसके आदेश जारी किए गए।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि स्पष्ट कारों के बीच अगर किसी तरह की बात हो तो उसे अवधि के भीतर पूरा किया जाए लेकिन दो महीने के भीतर रिटायरमेंट लाभ मृतक कर्मचारियों की विधवा को देना अनिवार्य होगा।
बता दे कि छत्तीसगढ़ के निवासी सुखानी ने याचिका दायर कर बताया कि उनके पति लक्ष्मण गायत्री माइंस विश्रामपुर सीसीएल में हैंडमान के तौर पर सदस्य थे।
सेवा काल के दौरान 30 सितंबर 2019 को उनका निधन हो गया था। वह उनके बेटे अनुकंपा नियुक्ति और लंबित भुगतान के लिए सीसीएल प्रबंधन के समक्ष आवेदन कर चुके हैं।
बावजूद इसके दस्तावेज में अलग-अलग नाम दर्ज होने के कारण उनके भुगतान नहीं किए गए हैं।
पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभ
जिसके बाद उन्होंने अपने नाम की समुचित घोषणा के लिए सिविल जज सूरजपुर के कोर्ट में सिविल परिवार भी दायर किया।
सिविल जज ने 12 अगस्त 2022 कोई याचिकाकर्ता पक्ष में डिग्री पारित करती है। इस बीच मृत अधिकारी के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति तो दी गई लेकिन अभी तक उन्हें पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभ उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीसीएल प्रबंधन को निर्देश दिया कि रिटायरमेंट की बकाया राशि आदेश की कॉपी मिलने की तिथि से 7 दिन के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान कर दी जाएगी।
ऐसा नहीं करने पर RTI याचिका दाखिल होने से 11 अप्रैल 2023 तक की 6% ब्याज की राशि का भी भुगतान करना होगा।
आपके काम की खबरें यहां है...👇🏻👇🏻👇🏻
दोस्तों, हमारे इस वेबसाइट पर आपको ताजा News Update सबसे पहले मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या फिर Govt Jobs, रोजगार व सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी।
हमारी कोशिश है कि आपके काम की हर खबर आप तक सबसे पहले पहुंचे। अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।