कुर्सी की खींचतान : डिप्टी डायरेक्टर के चेंबर में कर्मचारियों ने जड़ा ताला, अफसर को बैरंग लौटाया
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। दंतेवाड़ा जिले का पशुधन विकास विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। गुरुवार को इस विभाग के कार्यालय में गजब नजारा देखने मिला, जब वहां पदस्थ लिपिक वर्गीय कर्मचारियों ने अपने ही अफसर के चेंबर में ताला जड़कर उनको बैरंग वापस लौटा दिया।
इस घटना से हैरान उप संचालक डॉ. एस. जहीरूद्दीन मदद मांगने सिटी कोतवाली थाने पहुंचे, तो पुलिस ने इसे प्रशासनिक मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
जगदलपुर से आला अफसरों के हस्तक्षेप के बावजूद चेंबर के बाहर लगे ताले को खुलवाने प्रशासन का पसीना छूट गया। दोपहर 2 बजे के बाद किसी तरह डिप्टी डायरेक्टर का चेंबर खुल पाया।
बताया जा रहा है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि डॉ. जहीरूद्दीन उपसंचालक की कुर्सी पर बैठें। दरअसल, विभाग में कई घोटालों की जांच चल रही है। दूसरे पक्ष को अंदेशा है कि जहीरूद्दीन के काम संभालने के बाद कई घोटालों की दबी हुई फाइलें बाहर आने लगेंगी।
डीडी वेटनरी डॉ. एस जहीरूद्दीन का कहना है कि उनको अपने ही चेंबर में जाने से रोका गया। सोरी बाबू ने मुझसे कहा कि किसी भी हालत में वह उनको चेंबर में नहीं बैठने देंगे। इस बात की शिकायत उन्होंने पुलिस और प्रशासन से की है।
इधर, थाने से बैरंग लौटाए जाने के बाद डीडी जहीरूद्दीन ने इस बात की शिकायत दो डिप्टी कलेक्टरों से भी की। एसएल बघेल व एक अन्य डिप्टी कलेक्टर भी पशुधन विकास विभाग के कार्यालय पहुंचे और लिपिक सोरी को ताला खोलने कहा पर सोरी ने साफ इनकार कर दिया।
इसकी जानकारी मिलने पर अपर कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने कर्मचारियों को तलब किया। उसके बाद डीडी के चैंबर की चाबी कर्मचारियों को सौंपी गई।
इस पूरे मामले में मुख्य लिपिक वीपी सोरी का कहना है कि शासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कर्मचारियों की मंशानुरूप कार्य करने वाले अधिकारी की पदस्थापना की जाए।