Employees Regularization, Regular Employees, Employees Benefit : राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर से संविदा कर्मचारियों के लिए राहत भारी खबर तैयार की जा रही है।
कट ऑफ डेट में एक बार फिर से मामला अटक गया था। जिसे सुलझा कर कार्मिक विभाग द्वारा विधिक राय ली जा रही है।
विभिन्न सरकारी विभागों में 15000 से अधिक संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनके नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
कैबिनेट में प्रस्ताव लौट आए जाने के बाद शासन द्वारा इसके परीक्षण की तैयारी की गई है। मामला कट ऑफ डेट में उलझा हुआ।
15000 से अधिक संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण
ऐसे में प्रस्ताव पर विधिक राय ली जाएगी। संशोधित प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा। जहां से मंजूरी मिलने के साथ ही कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी।
बता दे प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियुक्त 15000 से अधिक संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला लगातार जोर पकड़ रहा है।
राज्य के कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे कर्मी इसको लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया गया था लेकिन शासन द्वारा इसे वापस लौटा दिया गया था। जिसके बाद एक बार फिर से इसमें संशोधन किया जा रहा है।
प्रस्ताव तैयार
संशोधन करने के साथ इस पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। बता दे कि शासन ने सरकारी विभाग निगम परिषद और संस्थानों में काम करने वाले सदस्य संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2011 में नियमावली तैयार की थी।
नई नियमावली लागू
नियमावली के तहत वर्ष 2011 में 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की नियमितीकरण की व्यवस्था की गई थी।
इसके बाद 2013 में भी एक नई नियमावली लागू की गई जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि 2011 की नियमावली के तहत नियमित नहीं होने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
इस नियमावली के बावजूद बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी नियमित नहीं हो पाए थे। जिसके बाद इस समस्या को देखते हुए 2016 में संशोधित नियमितीकरण नियमावली जारी की गई थी।
जिसमें न्यूनतम सेवा अवधि को 10 वर्ष से घटकर 5 वर्ष किया गया था। हालांकि हाई कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगा दी गई थी।
सदस्यों ने कट ऑफ डेट को लेकर असहमति
अगस्त में हुई कैबिनेट बैठक में 2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की नियमितीकरण का प्रस्ताव पेश किया गया था।
हालांकि कैबिनेट सदस्यों ने कट ऑफ डेट को लेकर असहमति जताई थी। जिसके बाद वर्ष 2014 तक के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के समर्थन किए गए थे।
जिसके कारण एक बार फिर से कार्मिक विभाग के पास प्रस्ताव को वापस भेजा गया है अब इस पर परीक्षण किया जा रहा है जल्दी इस मामले में निर्णय लिया जाएगा इसके बाद उत्तराखंड के संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ मिलेगा।
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