इस्लामिक धर्मगुरू ‘बगदाद’ से पहुंचे ‘बस्तर’… सूफी संत ‘गौसे आज़म’ के वंशज का जगदलपुर में आज जलसा, भव्य स्वागत की तैयारियां
जगदलपुर @ खबर बस्तर। महान सूफी संत ‘गौसे आज़म’ के वंशज सैयद हाशिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी 19 और 20 मार्च को दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर रहेंगे। छत्तीसगढ सरकार ने उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया है। इस्लामिक धर्मगुरू के कार्यक्रम को लेकर जगदलपुर में भव्य तैयारियां की गई हैं।
गौरतलब है कि सैयद हाशिमुद्दीन अल गिलानी महान सूफी संत गौसे आज़म की 19वीं पीढ़ी हैं। गौसे आजम को मानवता और भाईचारे के पैगाम के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। गरीबों व भूखों को खाना खिलाना और बेसहारों की मदद करना जैसे अमल आपकी मुख्य सीखों में से एक है।
आज भी पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज द्वारा ग्यारहवीं के नाम से गौसे आज़म का लंगर चलाया जाता है। विभिन्न धर्मों के बीच भाईचारे का पैगाम लेकर गौसे आजम के वंशज व इस्लामिक धर्मगुरू बस्तर की भूमि पर आ रहे हैं, जो समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।
ये है सैयदी का कार्यक्रम
सैयद हाशिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी शनिवार 19 मार्च को दोपहर 12ः10 बजे जगदलपुर एयरपोर्ट पहुचेंगे। इसके बाद वे स्थानीय मुस्लिम कब्रिस्तान में जाकर शेख फरीद मस्त अली शाह के मजार पर फातिहा और दुआ करेंगे। शनिवार की रात 9 बजे वे जमाल मिल ग्राउंड में आयोजित जलसे व नातिया प्रोग्राम में शिरकत करेंगे।
दूसरे दिन 20 मार्च को अब्दुल हाशिम खान के निवास स्थल पर सैयद हाशिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी आमजनों से मुलाकात करेंगे और दोपहर दो बजे एयरपोर्ट से रवाना होंगे। इस्लामिक धर्मगुरू के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से कई लोगों का जगदलपुर आगमन हो रहा है।