बेरोजगार युवाओं को हर महीने 6000 रुपये दे रही मोदी सरकार ? जानिए इस वायरल मैसेज का सच !
न्यूज डेस्क @ खबर बस्तर। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार ‘प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना‘ के तहत बेरोजगार युवाओं को हर महीने 6000 रुपये भत्ता दे रही है।
इस मैसेज के साथ एक रजिस्ट्रेशन लिंक भी शेयर की जा रही है, जिसे क्लिक कर बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने कहा जा रहा है। इस तरह के मैसेज पिछले कई दिनों से लोगों के मोबाइल पर व्हाट्सएप मैसेज और मैसेंजर के जरिये आ रहे हैं।
इस प्रकार का कोई भी मैसेज आपको मिले तो सावधान हो जाएं। दरअसल, ऐसे मैसेज साइबर अपराधी भेज सकते हैं, जिस पर क्लिक कर आप किसी धोखाधड़ी या फिर साइबर अपराध के शिकार हो सकते हैं। इस तरह के मैसेज पर क्लिक करने से बचें और इसे किसी दूसरे व्यक्ति को फॉरवर्ड भी ना करें।
फर्जी है वायरल मैसेज
भारत सरकार की एजेंसी पीआईबी ने इस वायरल मैसेज का फैक्ट चैक कर इसे फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर इस मैसेज को शेयर कर इससे बचने की सलाह दी है।
एक वायरल #Whatsapp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत सरकार बेरोजगार युवाओं को हर महीने ₹6,000 का भत्ता दे रही है #PIBFactCheck
▶️ यह मैसेज फर्जी है
▶️ भारत सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही
▶️ कृपया ऐसे मैसेज फॉरवर्ड ना करें pic.twitter.com/jwqhr6hVk2
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 7, 2022
पीआईबी ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘एक वायरल मैसेज व्हाट्सएप मैसेज में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत सरकार बेरोजगार युवाओं को हर महीने 6,000 का भत्ता दे रही है। आपको बता दें ये मैसेज फर्जी है। भारत सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है। कृपया कर ऐसे मैसेज फॉरवर्ड न करें।‘‘
क्या है खतरा !
प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत हर महीने 6000 रुपये पाने के लालच में यदि आप ऐसे फर्जी मैसेज के लिंक को क्लिक करेंगे तो हो सकता है कि आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाए। या फिर आपके मोबाइल फोन में की महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे ईमेल, सोशल साइट अकाउंट आदि के पासवर्ड, आधार, पैन कार्ड की डिटेल लीक हो जाए।
फर्जी वेबसाइट से रहे दूर
ध्यान रखें कि राज्य और केन्द्र सरकार और सरकारी विभागों की वेबसाइट की पहचान यह है कि उनके यूआरएल के अंत में gov.in या nic.in होता है। जबकि ‘प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना‘ के मैसेज के साथ भेजे जा रहे इस लिंक के अंत में ऐसा नहीं है।
यानी मैसेज के साथ दी गई यह वेबसाइट 100 फीसदी सरकारी नहीं है। इस पर क्लिक करने से आपके मोबाइल की महत्वपूर्ण जानकारियां लीक हो सकती हैं।