नक्सलियों ने ढहाया था स्कूल, सरेंडर कर फिर से बनाया… 7 बाद खुला स्कूल तो बच्चों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे कलेक्टर
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद का स्याह अंधेरा छंटने लगा है और अमन और शांति की फिज़ा महकने लगी है। बदलाव का यह नजारा सोमवार को भांसी के नवीन प्राथमिक शाला मासापारा में देखने को मिला। यहां 7 साल बाद स्कूल खुला और बच्चों की चहलकदमी देखी गई।
दरअसल, सात साल पहले नक्सलियों ने स्कूल भवन को ढहा दिया था। तब से स्कूल का संचालन बंद था। इसी बीच दंतेवाड़ा पुलिस की ‘लोन वर्राटू’ योजना के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना का लाभ मिला और उन्हें रोजगार दिया गया साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी गई।
समाज की मुख्यधारा में लौटे आत्मसमर्पित नक्सलियों को एहसास हुआ कि उनके द्वारा स्कूल तोड़ने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। इधर, जिला प्रशासन की पहल पर स्कूल का पुनः निर्माण शुरू हुआ और आत्मसमर्पित नक्सलियों ने खुद मासापुर के स्कूल को दोबारा अपने हाथों से बनाया।
अब मासापारा के प्राथमिक शाला में एक बार फिर से ककहरा की आवाज गूंजने लगी। कलेक्टर दीपक सोनी ने सोमवार को स्कूल का फीता काटकर शुभारंभ किया। माँ सरस्वती की वन्दना के साथ बच्चों ने पढ़ाई शुरू की गई। कलेक्टर ने स्कूल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली और बच्चों को पढ़ाया भी।
कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ाया
इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कलेक्टर सोनी ने बच्चों से बात की और उनका नाम पूछा। बच्चों ने अपना नाम हिन्दी व अंग्रेजी में लिख कर दिखाया। बच्चों ने कलेक्टर से फिर से स्कूल खुलने की खुशी व्यक्त की और कहा कि आगे चल कर वह पढ़ लिखकर उनकी तरह कलेक्टर बनेंगे।
कलेक्टर सोनी ने बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाकर कर उनका हौसला बढ़ाया साथ ही बुक्स और बैग्स वितरण कर उनको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान स्कूल परिसर में वृक्षारोपण कर सभी को पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील की गई।