साहब की दबंगई तो देखिए ! सरकारी एंबुलेंस में कर रहे थे सागौन तस्करी, वन अमले ने नाके पर पकड़ा को अकड़ हुई ढीली
बीजापुर @ खबर बस्तर। सागौन तस्करी का स्वर्ग समझे जाने वाले भोपालपटनम इलाके में वन तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। वन विभाग के नाक के नीचे से वन माफिया तो सागौन के जंगल चट कर ही रहे हैं अब सरकारी नुमाइंदे भी सागौन पर हाथ साफ करने में पीछे नहीं है।
ऐसा ही एक मामला रविवार को नजर आया, जब एक सरकारी वाहन में सागौन के फारे परिवहन करते अधिकारी को धर दबोचा गया। भोपालपटनम फारेस्ट नाके में वन विभाग की टीम ने एक एंबुलेंस को चेकिंग के लिए रोका तो उनके होश उड़ गए।
अफसर कर रहे थे सागौन तस्करी
पशु चिकित्सा विभाग के सरकारी एंबुलेंस में सागौन के फारे भरकर बीजापुर की ओर परिवहन किया जा रहा था। और तो और गाड़ी भी खुद डिप्टी डायरेक्टर चला रहे थे।
शायह उन्हें यह गुमान था कि सरकारी गाड़ी देखकर कोई हाथ भी नहीं मारेगा और वे बेखौफ होकर सागौन पार कर देंगे। लेकिन उनके इस मंसूबे को वन अमले ने नाकाम कर दिया और अफसर की जग हंसाई भी हो गई।
बताया जा रहा है कि रविवार की शाम पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर लालन सिंह सरकारी वाहन में सागौन फारा भरकर तेज रफ्तार से बीजापुर की ओर गाड़ी दौड़ा रहे थे। तभी वन विभाग के कर्मचारियों ने नाके पर गाड़ी को रोक दिया।
वन अमले ने जब एंबुलेंस की तलाशी ली तो गाड़ी में सागौन फारा भरा हुआ था। सरकारी वाहन में सागौन तस्करी की घटना से हड़कंप मच गया। फारेस्ट नाके पर लोगों भी भीड़ जमा हो गई। वन विभाग के कर्मचारियों ने गाड़ी को जब्त कर लिया है।
बताया जा रहा है कि रालापल्ली के जंगल से सागौन की लकड़ी लेकर गाड़ी निकली थी। फारेस्ट विभाग के विशेष सूत्रों ने कर्मचारियों को सूचना दी और गाड़ी को नाके पर पकड़ लिया गया।
अफसर की दबंगई की चर्चा
वन विभाग की टीम ने सागौन तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गाड़ी को जब्त कर लिया है, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की दबंगई की पूरे नगर में चर्चा है।
अधिकारी के हौसले इतने बुलंद थे कि सरकारी वाहन में दिनदहाड़े सागौन लेकर जा रहे थे। और तो और गाड़ी भी खुद ही चला रहे थे।
अधिकारी की शायद यह मंशा रही होगी कि एम्बुलेंस में सागौन तस्करी की जाए तो किसी को भनक नही लगेगी। मगर फारेस्ट नाके के पास पकड़े जाने पर अधिकारी के पसीने छूट गए।
हालांकि, इस कार्रवाई से वन विभाग ने राहत की सांस तो ली होगी, लेकिन इस छोटी सी कार्रवाई से विभाग के माथे पर लगा कलंक नहीं मिटने वाला।
दरअसल, बीजापुर जिले के भोपालपटनम इलाके के बेशकीमती सागौन वनों पर तस्करों के साथ ही अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की भी टेढ़ी नजर रही है।
जब भी जिसे मौका मिला है, वह सागौन के जंगलों को चटियल मैदान बनाने में पीछे नहीं रहा। वन विभाग पर तो तस्करों के साथ मिलीभगत के भी आरोप लगते रहे हैं।
हाल के दिनों में नगर के फर्नीचर मार्ट में कई दफे दबिश देकर भारी मात्रा में सागौन का जखीरा बरामद भी किया गया। मगर फर्नीचर मार्ट संचालकों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होने से सागौन की काली कमाई का यह गोरखधंधा इस इलाके में बदस्तूर जारी है।
इसी का नतीजा है कि अब सरकारी अधिकारी भी बेखौफ सागौन तस्करी करते नजर आ रहे हैं। बहरहाल, वन अमले ने सागौन तस्करी में शामिल गाड़ी को तो जब्त कर लिया है, लेकिन गाड़ी में सागौन ले जा रहे अफसर पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं, ये देखने वाली बात है।