कर्मचारियों के लिए हाई कोर्ट द्वारा बड़ा फैसला सुनाया गया है। इसके तहत उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली सरकार के अपील को खारिज कर दिया है।
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ऐसे में कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें पुरानी पेंशन योजना के लिए पात्र माना गया है। हाई कोर्ट केस फैसले से 5000 से अधिक रिटायर्ड कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलने वाला है।
सरकार ने दलील दी
दरअसल, सरकार ने दलील दी की स्कूल में प्रिंसिपल की तरफ से कुछ घंटे के लिए लोगों को रखा जाता था यह पूरे दिन का कार्य नहीं करते थे।
बल्कि दिन में तीन से चार घंटे का काम उनके द्वारा किया जाता था। ऐसे में ना तो इन्हें डेली वेज माना जा सकता है। ना ही नियमित होने के पहले की सेवा की गणना पेंशन के लिए की जानी चाहिए।
हाई कोर्ट ने भी महत्वपूर्ण फैसला दिया
सरकार की दलील पर हाई कोर्ट ने भी महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सरकार ने कहा कि नियमित होने की तिथि के समय लागू पेंशन स्कीम एनपीएस के तहत इन्हें लाभ दिया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि दो दशक की सेवा के बाद कर्मचारियों को नियमित किया गया है।
पुरानी पेंशन योजना का लाभ
ऐसे में उन्हें नियमित होने से पूर्व की सेवा को नहीं जोड़ा गया तो यह न्याय के साथसबसे बड़ा अन्याय होगा।
इसके साथ ही इस सेवा में लेने की तिथि पर लागू पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए ना कि नियमित होने की तिथि। ऐसे में जब उनकी नियुक्ति की गई थी। उस समय प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू थी।
ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। अपनी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि डेली वेज और अडहॉक नियुक्ति का राज्य अपनी शक्तियों का दूरी उपयोग कर रहा है।
और ऐसा करना सामाजिक और आर्थिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन होगा। हरियाणा सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारी रखने की नीति में भी संशोधन के विचार करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह था मामला
बता दे कि इससे पहले 6 अगस्त 1992 को रोहतक के जय भगवान को एडहॉक पर शिक्षा विभाग में चपरासी नियुक्त किया गया था।
फरवरी 2012 तक सेवा देने के बाद सरकार द्वारा उन्हें नियमित कर दिया गया था। 2015 में वह अपने पद से रिटायर हो गए थे।
ऐसे में पेंशन की गणना के समय उन्हें पुरानी पेंशन और कच्चे सेवा को ना जोड़ने को लेकर कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी।
2019 की सिंगल बेंच द्वारा अन्य कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें पुरानी पेंशन योजना के लिए पात्र माना गया था। जिसके बाद सरकार द्वारा सिंगल बेंच के फैसले को हाई कोर्ट के डबल बेंच में चुनौती दी गई थी।
अब हाई कोर्ट ने भी सरकार की दलील को खारिश कर दिया है। ऐसे में 5000 से अधिक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।
हरियाणा सरकार को इस मामले में बड़ा झटका लगा है। राज्य में 2006 के बाद नियमित होने वाले कच्चे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन के हकदार होंगे।
सरकार को उनके नियमित होने के पहले की सेवा को भी पेंशन के लिए योग्य सेवा में जोड़ना होगा इसके साथ उन्हें पेंशन राशि का भुगतान करना होगा।
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