‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ के बीच पोटाकेबिन के छात्र की मलेरिया से हुई मौत…परिजनों ने अधीक्षक पर लगाया ये आरोप!
बीजापुर @ खबर बस्तर। बस्तर संभाग में शासन द्वारा चलाए जा रहे ‘मलेरिया मुक्त अभियान’ के बीच बीजापुर जिले से बड़ी खबर आ रही है। यहां मलेरिया से पीड़ित एक आदिवासी छात्र की मौत हो गई है।
बताया जा रहा है कि मृत छात्र तोयनार पोटाकेबिन में रहकर पढ़ाई कर रहा था। इसी बीच मलेरिया की चपेट में आकर उसने दम तोड़ दिया। छात्र की मौत के बाद परिजनों ने पोटाकेबिन अधीक्षक पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
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जानकारी के मुताबिक पापनपाल का रहने वाला छात्र प्रमोद कुड़ियम तोयनार पोटाकेबिन में 6वीं कक्षा में अध्ययनरत था। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। बुखार से पीड़ित छात्र की रक्त की जांच करने पर उसे मलेरिया पॉजिटिव पाया गया।
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परिजनों का आरोप है कि छात्र को मलेरिया होने के बावजूद अधीक्षक ने उसका अस्पताल में इलाज करने के बजाय घर भेज दिया। इसी लापरवाही में छात्र की तबीयत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई।
बता दें कि बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत संभाग के सभी सातों जिलों में रहने वाले लोगों के खून की जांच की जा रही है। इस अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग की 1720 टीमों का गठन किया गया है, जो घरों, आश्रम छात्रावास, पैरामीलेट्री कैम्प आदि में जाकर सर्वे कर रही है।
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खास बात यह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर आ रहे हैं। शनिवार को सीएम दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी के दर्शन कर पुलिस लाइन में आयोजित ‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक पहले मलेरिया पीड़ित छात्र की मौत ने मलेरिया के रोकथाम की सरकारी कवायद की पोल खोल दी है।
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