दंतेश्वरी मंदिर में मिला काले सिर वाला दुर्लभ सांप… खासियत जानकर दंग रह जाएंगे आप ǃ
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। बस्तर की आराध्य देवी मांई दंतेश्वरी के मंदिर प्रांगण में एक दुर्लभ सांप को देखकर सब हैरान रह गए। काले सिर वाले इस दुर्लभ सर्प को जिसने भी देखा‚ उसकी आंखें खुली की खुली रह गई।
जानकारी के मुताबिक‚ शुक्रवार की दोपहर शक्तिपीठ परिसर में स्थित टेंपल कमेटी के दफ्तर के पास काले सिर वाला सांप देखा गया। मंदिर के स्टाफ ने पहले तो इसे नाग का सपोला समझा और रेस्क्यू के लिए सर्प विशेषज्ञ को बुलाया गया।
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दंतेश्वरी मंदिर में सांप दिखने की सूचना पर स्नैक कैचर अक्षय मिश्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने जब सांप को देखा तो वे भी दंग रह गए। सर्प विशेषज्ञ अक्षय ने सांप की पहचान दुर्लभ प्रजाति के डूमेरिल्स ब्लैक हेडेड स्नैक के रूप में की।
जानकाराें की मानें तो इस प्रजाति के सांप विषहीन होते हैं और गिरगिट‚ छिपकिली और रेंगने वाले छोटे कीड़ों व छोटे सांपों का शिकार करते हैं। अन्य सांपों की तुलना में इसका आकार भी बहुत छोटा होता है। ये देखने में काफी चमकीले होते हैं। यह कोबरा सांप की तरह फन नहीं निकाल सकते हैं।
सिर का रंग अलग
आमतौर पर ये सांप भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में पाया जाता है। इसका सिर काले रंग का होता है। इसका वैज्ञानिक नाम Sibynophis subpunctatus है। यह सर्प लोगों की पहुंच से दूर रहते हैं। ये सांप रात की अपेक्षा दिन में ज्यादा एक्टिव रहता है।
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सांपों की यह प्रजाति काफी दुर्लभ मानी जाती है। ऐसा ही एक सांप हाल ही में ओडिशा में देखने को मिला था। जिसे वाइल्ड लाइफ के एक फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। ये सांप बहुत शर्मीले स्वभाव के होते हैं और बहुत मुश्किल से देखने को मिलते हैं।
बैलाडीला की पहाड़ियों में दिखा था ‘तक्षक नाग’
बता दें कि दंतेवाड़ा के जंगल जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। लेकिन शोध की कमी के चलते जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हो सकी है। बैलाडीला की पहाड़ियों में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतुओं की भरमार है। यहां कुछ साल पहले दुर्लभ तक्षक नाग देखा गया था। इसकी खोज सर्प विज्ञानी डॉ एचकेएस गजेन्द्र ने की थी।
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