पटवारियों की बेमियादी हड़ताल जारीः राजस्व पटवारी संघ ने बविप्रा अध्यक्ष लखेश्वर बघेल को सौंपा ज्ञापन
जगदलपुर @ खबर बस्तर। अपनी 09 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के पटवारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पटवारियाें की बेमियादी हड़ताल से राजस्व के काम बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
बता दें कि पटवारियों के कलम बंद व काम का बहिष्कार कर हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र के किसानों एवं ग्रामीणों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानियां किसानों को सोसायटी में धान बेचने के लिए आ रही है।
ज्ञापन सौंप मांगा समर्थन
प्रांतव्यापी आह्वान पर पिछले 6 दिनों से संभागीय मुख्यालय में तंबू गाड़े पटवारी हड़ताल कर रहे हैं और दिनों-दिन इनका आंदोलन तेज होता जा रहा है। शुक्रवार को राजस्व पटवारी संघ जिला बस्तर के प्रतिनिधि मंडल ने बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल से मुलाकात कर अपनी लंबित 09 सूत्रीय मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
बविप्रा अध्यक्ष ने पटवारियों की सभी नौ मांगों के संबंध में प्रतिनिधि मंडल से विस्तृत चर्चा करने के उपरांत इन मांगों को जायज ठहराया। उन्होंने पटवारी संघ जिला बस्तर के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त करते कहा कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा राजस्व मंत्री छ. ग. शासन को तत्काल पत्राचार करेंगे।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) December 17, 2020
ज्ञापन सौंपने के दौरान राजस्व पटवारी संघ बस्तर के जिला अध्यक्ष तेज प्रकाश पाण्डे, उदय भान चौहान, सुरेश, अजय पाठक , विनोद जोशी, घनश्याम देवांगन समेत अन्य पटवारी मौजूद थे।
ये है पटवारी संघ की 9 सूत्रीय मांगें
- भुइयां की समस्या दूर करते हुए संसाधन की मांग।
- वरिष्ठता के आधार पर 45 वर्ष या 20 वर्ष से ज्यादा सेवाकाल पूर्ण कर चुके पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर सीधे पदोन्नत किया जाए।
- राजस्व निरीक्षक के कुल पदों को 50 फीसदी वरिष्ठता के आधार पर मनोनीत किया जाए।
- जब तक विभागीय जांच पूरी ना हो, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफआईआर दर्ज ना की जाए।
- महंगाई के मद्देनजर पटवारियों का फिक्स टीए 1000 रूपए प्रतिमाह किया जाए।
- स्टेशनरी भत्ता 1000 प्रति महीने किया जाए और इसे प्रतिवर्ष बढ़ाया जाए। पटवारियों को कार्यालय के लिए किराए का भुगतान हो।
- नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को भी नक्सल भत्ता प्रदान किया जाए।
- मुख्यालय में निवास की बाध्यता समाप्त हो।
- अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50 फीसदी राशि भत्ता दिया जाए। वेतन विसंगति दूर किया जाए।
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