ज्योतिष जीवन में कई चीजों को लेकर नियम और परिणाम तय किए गए हैं। हमारे जीवन का जुड़ाव धर्म के हर क्षेत्र से है। ऐसे में कई बार अनजाने में हम कुछ गलतियां करते हैं। जिसकी जानकारी हमें नहीं होती है।
रसोई में अन्नपूर्णा का आवास माना गया है। मां अन्नपूर्णा रसोई घर में वास करती है। ऐसे में रसोई से जुड़े कई नियम के साथ हम अपने जीवन को और अधिक सुरक्षित और धर्म के प्रति समर्पित बना सकते हैं।
आज हम बात करेंगे रसोई में किए जाने वाले ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण नियम के बारे में। साल की शुरुआतके साथ कई पाबंदियां का पालन करना आवश्यक हो जाता है। वर्ष में कुछ अशुभ दिनों का पता होना भी आवश्यक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ त्योहार और विशेष दिनों पर रोटी बनाना वर्जित माना गया है।
विशेष दिनों पर रोटी बनाना वर्जित
मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन खिचड़ी खाने का रिवाज माना गया है। ऐसे में संक्रांति पर चावल से बना भोजन खाना सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसे में इस त्यौहार पर रोटी बनाना वर्जित है।
हमारे देश में शीतला अष्टमी पर शीतला देवी को बासी भोजन अर्पित करने की प्रथम रही है। ऐसे में शीतला अष्टमी के दिन रसोई गैस में गैस जलना वर्जित माना गया है।
इसके अलावा कढ़ाई में तेल गर्म करने से लेकर रोटी बनाने तक की प्रक्रिया को वर्जित माना गया है। घर के सभी सदस्य देवी को अर्पित किए प्रसाद ही ग्रहण करते हैं। ऐसे में शीतला अष्टमी पर भी रोटी बनाना वर्जित है।
हमारे त्यौहारों में शरद पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी रोटी नहीं बननी चाहिए। बता दे कि इस दिन चंद्र और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
पूर्णिमा पर चांद की करने में अमृत मान जाता है। ऐसे में रात की खीर रखना और उसे अमृत पान करने का लाभ मिलता है। इसके अलावा इस दिन रोटी बनाना वर्जित माना गया है।
वर्ष के नाग पंचमी वाले दिन रोटी बनाना, तवे का इस्तेमाल करना और किसी चीज को काटना वर्जित माना गया है। इसे अशुभ माना जाता है। ऐसे नाग पंचमी पर भूल कर भी रोटी ना बनाएं।
इसके अलावा जब किसी की मौत हो जाती है, उस दिन रसोई में तबा नहीं चढ़ता है और रोटी नहीं पकाई जाती है। कुछ घरों में 13 दिन तक रोटी नहीं बनाने का रिवाज है।
रोटी को लेकर अन्य कुछ वास्तु नियम
- रोटी को लेकर अन्य कुछ वास्तु नियम यह है कि घर में जितने सदस्य हैं। उनकी जरूरत से ज्यादा हमेशा चार-पांच रोटी अधिक बनानी चाहिए। पहली रोटी गाय को खिलाने का रिवाज है जबकि आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाना शुभ माना गया है।
- वास्तु के अनुसार कभी भी आटा को अच्छा कर फ्रिज आदि में नहीं रखना चाहिए क्योंकि वासी आटे से बनी रोटी पारिवारिक क्लेश का कारण बनती है। इसके अलावा फ्रिज में आटा गूंद कर रखने से इसमें कई तरह के बैक्टीरिया भी उत्पन्न हो जाते हैं।
- साथ ही बासी आटे की रोटी का संबंध राहु से माना गया है। ऐसे में बासी आटे की रोटी को कुत्ते को देना शुभ होता है। जबकि ताजी रोटी मंगल को मजबूत करने का कार्य करती है।
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