तकनीकी सहायक बर्खास्त, जिला पंचायत CEO ने की कार्रवाई… फर्जी मस्टररोल बनाकर फर्जीवाड़ा करने का मामला
रायपुर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। जिला पंचायत सीईओ ने तकनीकी सहायक को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
फर्जी मस्टररोल बनाकर फर्जीवाड़ा करने के मामले में उक्त कार्रवाई की गई है। तकनीकी सहायक को सेवा से पृथक किया गया है। इस मामले में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक से सवा लाख रूपयों की पहले ही वसूली की जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, कोरबा के जिला पंचायत सीईओ नूतन कुमार कंवर ने पाली ब्लॉक के तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर को बर्खास्त कर दिया है।
ग्राम पंचायत परसदा में बिना निर्माण कार्य कराए मूल्यांकन करने और फर्जी मस्टररोल से भुगतान करने के मामले में तकनीकी सहायक को बर्खास्त किया गया है।
क्या है पूरा मामला
कोरबा जिले के पाली जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत पर सदा में शिकायत की गई थी कि नीलगिरी नया तालाब निर्माण, बाबापुति तालाब निर्माण कार्य में मृत लोगों के नाम पर फर्जी मस्टररोल भरकर 1 लाख 22 हजार रुपए की राशि निकाली गई है।
इस शिकायत पर जिपं सईओ नूतन कुमार कंवर ने जनपद सीईओ वीके राठौर, आरईएस के एसडीओ एमएस कंवर, मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी सुरेश यादव को जांच अधिकारी बनाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।
अधिकारियों की टीम ने जांच की तो शिकायत सही मिली। यही नहीं जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि बिना काम कराए ही तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर ने मूल्यांकन का कार्य कर दिया है।
इसके बाद तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। तकनीकी सहायक ने अपने जवाब में बताया कि रोजगार सहायक ने मस्टररोल में फर्जी नाम डालकर राशि निकाली थी।
इसकी जानकारी उसे नहीं है। मूल्यांकन सही तरीके से हुआ था। इसी में मामला पकड़ा गया। जब कार्य ही नहीं हुआ था तो फिर मूल्यांकन कैसे हो गया।
इनसे हो चुकी है वसूली
बता दें कि बिना काम कराए फर्जी मस्टररोल से 1 लाख 21 हजार 980 रुपए निकाले गए थे। इस मामले में पहले सरपंच बालाराम आर्मो, सचिव महेश कुमार मरकाम, रोजगार सहायक लवकुश जायसवाल और तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर से गड़बड़ी की राशि वसूली जा चुकी है। वहीं अब तकनीकी सहायक को बर्खास्त कर दिया गया है।