पूरी दुनिया को पुल और सड़क चाहिए, ‘इन्हें’ नहीं ! विरोध करने पारंपरिक हथियारों के संग हाईवे पर उतरे हजारों आदिवासी
पंकज दाऊद @ बीजापुर। पूरी दुनिया में लोगों को संपर्क के लिए सड़क और पुल चाहिए लेकिन बीजापुर जिले के कुछ खास इलाके के लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। पुल और सड़क निर्माण की मुखालफत करते इंद्रावती नदी पार से पारंपरिक हथियारों को लेकर आए हजारों आदिवासियों ने बुधवार को एनएच 63 पर जाम लगा दिया।
इंद्रावती नदी के पार से ही नहीं बल्कि मिरतूर इलाके से भी हजारों आदिवासी पहुंचे। एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच हजार आदिवासी इस आंदोलन में कूदे थे। ये आदिवासी फुण्डरी के समीप इंद्रावती नदी पर बनाए जा रहे पुल और नदी पार प्रस्तावित नारायणपुर को जोड़ने वाली सड़क का मुख्य रूप से विरोध कर रहे थे।
इसके अलावा आदिवासियों ने फर्जी गिरफ्तारी एवं फर्जी एनकाउण्टर का आरोप लगाते इसका विरोध किया है ओैर इसे रोकने की मांग की है। उन्होंने स्कूल और आंगनबाड़ियों को खोलने की भी मांग की। नदी पार बसे बेलनार, सतवा, बैल, बांगोली, मरकापाल, धर्मा आदि गांवों से लोग आए थे।
बताया गया है कि फुुण्डरी के पास इंद्रावती नदी पर पुल का काम चल रहा है। पुल बन जाने से नारायणपुर जिला सड़क मार्ग से सीधे भैरमगढ़ से जुड़ जाएगा। इधर, बताया गया है कि मिरतूर इलाके से भी आदिवासी आए थे और वे बेचापाल में लगाए गए फोर्स के कैम्प का विरोध कर रहे थे।
छावनी में तब्दील हो गई सड़क
बड़ी संख्या में हथियारबंद आदिवासियों के प्रदर्षन के मद्देजनर पुलिस ने सुरक्षा के चाक चैबंद इंतजाम किए थे। पूरी फोर्स एनएच 63 पर लगी हुई थी। बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक विक्रम शाह मण्डावी ने भी फोन पर आंदोलित लोगों से चर्चा की लेकिन वे नहीं माने। वे जनपद कार्यालय के सामने डटे रहे।
एसपी ने कहा, आश्चर्यजनक
एसपी कमलोचन कश्यप ने कहा कि इंद्रावती में इस स्थान पर पुल के लिए सालों से लोग मांग कर रहे थे और अब इसका विरोध आश्चर्यजनक है। ये एक अजीबोगरीब ट्रेण्ड है। पुल बनने से लोगों का ही भला होगा और उन्हें सुविधाएं मिलेंगी। प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर भेज दिया गया है।
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