Employees Regularization, Regular Employees, Supreme court : कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय दिया गया है। ऐसे में उन्हें नियमितीकरण का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाल के फैसले में कहा है एक ही अगर किसी पद पर कोई व्यक्ति सालों पर और स्थाई प्रकृति के पदधारी जैसा काम करता है तो उसे कांटेक्ट कर्मचारी नहीं माना जा सकता।
उसकी नौकरी स्थाई करने से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में उसे कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया जा सकता है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नरसिंह और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने नियमितीकरण पर महत्वपूर्ण फैसला आया। पीठ में कहा कि स्थाई और बारहमासी प्रकृति का काम एक अनुबंध कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जा सकता।
नियमित किया जाना चाहिए
ऐसे में अगर कोई ऐसा करता है तो उसे स्थाई किया जाना चाहिए । कोई व्यक्ति किसी पद पर सालों भर और स्थाई प्रकृति के पदधारी जैसा कार्य कर रहा है तो उसे नियमित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 12 मॉस स्थाई प्रवृत्ति में काम करने वाले श्रमिकों को अनुबंध श्रम अधिनियम 1970 के तहत सिर्फ इसलिए स्थाई नौकरी के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह अनुबंध श्रमिक है।
यह महानदी कोल फील्ड में काम करने वाले सफाई मजदूर से जुड़ा मामला है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस नरसिंह ने अपने आदेश में हाई कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखा है।
मजदूरों को संविदा कर्मी से हटकर स्थाई कर्मी का दर्जा
जिसमें रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा कर्मी से हटकर स्थाई कर्मी का दर्जा देने के साथ ही वेतन भत्ते का लाभ देने के आदेश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को उजागर किया है कि रेलवे लाइन के किनारे गंदगी हटाने का काम न सिर्फ नियमित है, बल्कि 12 मॉस और अस्थाई प्रकृति का है। ऐसे में इस पर कर्मचारियों को अनुबंध कर्मचारी नहीं माना जा सकता और उन्हें नियमित किया जाना चाहिए।
13 कर्मचारियों को नियमितीकरण का आदेश नहीं
बता दे महानदी कोलफील्ड द्वारा 32 कांटेक्ट कर्मचारियों में से 19 की नौकरी परमानेंट कर दी गई थी जबकि 13 को अनुबंध कर्मी के रूप में ही माना गया था। सभी कर्मचारियों की ड्यूटी एक समान और एक प्रकृति होने के बावजूद उन 13 कर्मचारियों को नियमितीकरण का आदेश नहीं दिया गया था।
ट्रिब्यूनल में इसके लिए याचिका दायर
जिस पर 13 अनुबंध कर्मचारियों द्वारा ट्रिब्यूनल में इसके लिए याचिका दायर की गई थी। वही Tribunal द्वारा सभी 13 अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया गया था। बाद में इस फैसले को हाई कोर्ट द्वारा भी बरकरार रखा गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाया है।
आपके काम की खबरें यहां है...👇🏻👇🏻👇🏻
दोस्तों, हमारे इस वेबसाइट पर आपको ताजा News Update सबसे पहले मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या फिर Govt Jobs, रोजगार व सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी।
हमारी कोशिश है कि आपके काम की हर खबर आप तक सबसे पहले पहुंचे। अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें | Join |
हमारे Telegram ग्रुप को Join करें | Join |