दंतेवाड़ा @ Khabar Bastar l छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। घटना कटेकल्याण इलाके की है जहां एक नाबालिग छात्रा ने अस्पताल में नवजात शिशु को जन्म देने के बाद उसे टॉयलेट के कमोड में फेंक दिया, जिससे नवजात की मौके पर ही मौत हो गई।
यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद न केवल छात्रा की मानसिक स्थिति पर सवाल उठे हैं, बल्कि छात्रावास और स्कूल प्रशासन की गंभीर लापरवाही भी कटघरे में आ गई है। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
यह सिर्फ एक सनसनीखेज खबर नहीं, बल्कि हमारी शिक्षा व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और सामाजिक चेतना पर एक बड़ा सवालिया निशान है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की परतें क्या कहती हैं।
अस्पताल में दर्द के बहाने आई, गर्भवती निकली छात्रा
जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण अस्पताल (Katekalyan Hospital) में एक नाबालिग छात्रा को पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। शुरुआत में छात्रा और उसके परिजनों ने डॉक्टरों को गुमराह किया और गर्भवती होने की बात को नकारते रहे।
हालांकि, जब डॉक्टरों को संदेह हुआ तो उन्होंने छात्रा का मेडिकल परीक्षण कराया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि छात्रा गर्भवती थी और उसका हाल ही में प्रसव (childbirth) हुआ है।
कमोड में मिला नवजात का शव
जैसे ही छात्रा की डिलीवरी की पुष्टि हुई, अस्पताल के स्टाफ ने टॉयलेट की जांच की। सफाई के दौरान कमोड में एक नवजात (newborn baby) का शव मिला। यह दृश्य देखकर अस्पतालकर्मी और मौजूद लोग सन्न रह गए। बताया गया कि जन्म के तुरंत बाद छात्रा ने बच्चे को टॉयलेट में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
कैसे सामने आया पूरा मामला?
यह मामला तब सामने आया जब एक नाबालिग छात्रा पेट दर्द की शिकायत लेकर कटेकल्याण अस्पताल पहुंची। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद छात्रा ने चुपचाप बच्चे को जन्म दिया और उसे शौचालय के कमोड में फेंक दिया। जब सफाई कर्मचारी ने टॉयलेट की सफाई की, तब नवजात शिशु का शव मिला।
छात्रा हॉस्टल में रहकर कर रही थी पढ़ाई
जानकारी के अनुसार, यह छात्रा जिला मुख्यालय के एक गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostel) में रहकर पढ़ाई कर रही थी। घटना के बाद छात्रा को जिला अस्पताल (District Hospital) रेफर किया गया, जहां उसे पहले पीडिया वार्ड में और फिर पुष्टि होने पर प्रसूता वार्ड में शिफ्ट किया गया।
पुलिस जांच में क्या खुलासा हो सकता है?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक संवेदनशील मामला है और हर पहलू की विस्तृत जांच (detailed investigation) की जा रही है। फिलहाल छात्रा की स्थिति स्थिर बताई गई है और उसे जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड में भर्ती किया गया है।
कई सवाल अनसुलझे
पुलिस के अनुसार यह मामला गंभीर है। अधिकारी इसे कई दृष्टिकोण से देख रहे हैं—क्या यह मामला नाबालिग से यौन शोषण का है? हॉस्टल प्रबंधन को इसकी भनक क्यों नहीं लगी? छात्रा गर्भवती कैसे हुई? पुलिस इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है।
शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने आश्रम-छात्रावासों में छात्राओं की सुरक्षा (Hostel Safety) और निगरानी व्यवस्था (Student Monitoring) की कमजोरियों को उजागर कर दिया है।
स्कूली छात्रा के गर्भवती होने का महीनों तक किसी को अंदाज़ा कैसे नहीं हुआ? क्या हॉस्टल में नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं होती? क्या प्रशासन ने निगरानी में चूक की? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जो अभी अनसुलझे हैं।
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