Khabar Bastar @ दंतेवाड़ा। BEO Suspended: दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation of teachers) में मनमानी और नियमों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ है। इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए गीदम ब्लॉक के बीईओ शेख रफीक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इस निलंबन ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय दंतेवाड़ा द्वारा निलंबन आदेश भी जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया ही कि यह कार्रवाई राज्य शासन के निर्देशानुसार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के दौरान बरती गई अनियमितताओं के चलते की गई है।
बीईओ पर अनियमितता के गंभीर आरोप
गीदम ब्लॉक के बीईओ शेख रफीक पर शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Teacher Rationalisation) के दौरान नियमों को ताक पर रखने के आरोप लगे हैं। जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दिव्यांग शिक्षक को भी नहीं छोड़ा
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि शासन के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद BEO द्वारा एक दृष्टिबाधित शिक्षक राजकुमार जैन को अतिशेष की सूची में रखा गया। यह कार्रवाई न केवल अमानवीय बल्कि नियमों के खिलाफ भी है।
BEO तत्काल प्रभाव से निलंबित
जिला प्रशासन ने इसे छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 और सिविल सेवा अपील नियम 1966 का उल्लंघन मानते हुए, बीईओ शेख रफीक को तत्काल प्रभाव से निलंबित (BEO Suspension) कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, दंतेवाड़ा रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
निलंबन आदेश में क्या कहा गया?
जिला प्रशासन द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि:
01. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया अंतर्गत कुटरचना करते हुए विकासखण्ड गीदम के आश्रम शालाओं/विद्यालयों के रिक्त पदों को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से जानबुझकर पृथक रखा गया है। जिसके कारण गीदम विकासखण्ड में 31 आश्रम शालाओं के रिक्त पदों को शामिल नहीं किया जा सका। जिसके कारण गीदम विकासखण्ड के 20 शिक्षकों का विकासखण्ड से अन्यत्र संस्थाओं में काउंसलिंग के माध्यम से संस्था चुनना पड़ा।
02. शिक्षकों के लिए युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया हेतु निर्धारित वरिष्ठता में फेरबदल किया गया है।
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03. आश्रम अधीक्षकों को अतिशेष से मुक्त रखा जाना चाहिए था किन्तु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गीदम द्वारा इसका पालन नहीं किया गया।
04. विशिष्ट संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों को युक्तियुक्तकरण से पृथक रखा जाना था परन्तु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गीदम के द्वारा इसका पालन नहीं किया गया।
05. शासन के निर्देशानुसार दिव्यांग व्यक्ति को युक्तियुक्तकरण से पृथक रखा जना था परंतु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा राजकुमार जैन (दृष्टिबाधित) प्राथमिक शाला बडेपनेड़ा पटेलपारा को अतिशेष की सूची में प्रदर्षित किया गया।
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