Monsoon 2024, Monsoon Prediction 2024, Monsoon Weather : मानसून पर भारत मौसम विभाग में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। मानसून में इस बार भारत में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
अच्छी बारिश का पूर्वानुमान जारी करते हुए मानसून के लिए ला नीना को जिम्मेदार का करार दिया है।
बता दे कि अभी एल नीनो की वजह से गर्मी का सितम जारी रहेगा। हालांकि जून के शुरुआत में अल नीनो की समाप्ति होगी। जिसके साथ ला नीना का चक्र आरंभ होगा।
ला नीना से दक्षिण पश्चिम मानसून के सामान्य से ऊपर रहने का पूर्वानुमान
ला नीना से दक्षिण पश्चिम मानसून के सामान्य से ऊपर रहने का पूर्वानुमान जताया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून से सामान्य से ऊपर यह 50 साल के औसत के 106% ऊपर रहने का अनुमान जताया गया है।
ऐसे में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए यह बेहद अनुकूल समय साबित हो सकता है
इस वर्ष मानसून में अच्छी बारिश
मौसम विभाग में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि भारत की स्वस्थ कृषि अर्थव्यवस्था और स्वस्थ ग्रामीण खपत के लिए राहत भरी खबर है। इस वर्ष मानसून में अच्छी बारिश होगी।
अत्यधिक बारिश की संभावना से बाढ़ की तबाही भी हो सकती है। सरकार को तैयार रहने की चेतावनी भी दी गई है
जून से देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत
बता दे जून से देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत होगी। मानसून की शुरुआत के साथ ही कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान देता गया है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा राजधानी दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
उत्तर प्रदेश सहित केरल कर्नाटक तमिलनाडु आदि क्षेत्र में भी सामान्य बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है जबकि बिहार झारखंड में सामान्य और इससे कम बारिश का अनुमान जताया गया है।
अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में कृषि विकास दर 0.7% हो गई है, जो वित्त वर्ष 2023 में 4.7 प्रतिशत थी। अच्छी बारिश इसका एक कारण माना जा रहा है।
मानसून की शुरुआती हिस्सों में अल नीनो की स्थिति कमजोर
ऐसे में ला नीना के सक्रिय होने के साथ ही अत्यधिक बारिश के दिन बढ़ाने की संभावना देखी जा रही है। आईएमडी के अनुसार 30% संभावना है, बारिश अत्यधिक श्रेणी में होगी।
वही लंबी अवधि के औसत 110% से अधिक रहने की संभावना है। भारत के कुछ हिस्से में पानी से फसलों को नुकसान होने के साथ ही संपत्ति, बुनियादी ढांचे पर भी असर देखा जा सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की शुरुआती हिस्सों में अल नीनो की स्थिति कमजोर होने की संभावना है। हालांकि दूसरी छमाही के दौरान ला नीना की स्थिति विकसित होगी।
अल नीनो और ला नीना प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह का तापमान मानसून की बारिश को दृढ़ता से प्रभावित करते हैं।
ऐसे में ला नीना की सक्रियता से हिंद महासागर द्वारा सहायता मिलने के कारण अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
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