BJP के प्रदेश अध्यक्ष बने अरुण साव, पार्टी ने ‘साय’ को हटाकर ‘साव’ को सौंपी प्रदेश की कमान
रायपुर @ खबर बस्तर। भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अपना चेहरा बदल दिया है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर बिलासपुर सांसद अरुण साव को प्रदेश की कमान सौंपी गई है।
बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा मंगलवार को यह अहम बदलाव किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसमें अरुण साव को छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का उल्लेख है।
बता दें कि अरुण साव वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद हैं। उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी ने छत्तीसगढ़िया चेहरे को सामने किया है।
यह संयोग है कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा ने आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णुदेव साय को पद से हटाकर अरुण साव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
माना जा रहा है कि भाजपा ने अरूण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ियावाद का विकल्प पेश किया है। अरूण साव, साहू समाज से ताल्लुक रखते हैं और छत्तीसगढ़ में इस समाज की अच्छी खासी दखल है।
अब साव की अगुवाई में ही भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
पेशे से वकील रहे अरुण साव 25 नवंबर 1968 को मुंगेली के लोहड़िया गांव में जन्मे तथा मुंगेली में रह कर पले बढ़े हैं। वे 80 के दशक में मुंगेली के मंडल अध्यक्ष रहे तथा 1977 से 2000 तक जरहागांव विधानसभा क्षेत्र के चुनाव संचालक रहे पिता अभयराम साव से घुटी में संघ और जनसंघ के संस्कार मिले।
साल 1990 से 95 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष, जिला संयोजक से प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बने। मुंगेली कालेज में कक्षा प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों में साहू समाज युवा प्रकोष्ठ मुंगेली के तहसील सचिव, जिला अध्यक्ष फिर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू समाज के सह संयोजक बने।
युवा मोर्चा से राजनीति की शुरुआत करने के बाद अरूण साव 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहे। 1998 में दशरंगपुर से जनपद पंचायत के सदस्य के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। 1996 से मुंगेली, 2001 में उच्च न्यायालय बिलासपुर में वकालत किया।
सन 2004 में छत्तीसगढ़ शासन के पैनल लॉयर, 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता, 2008 से 2013 तक शासकीय अधिवक्ता और 2013 से 2018 तक उप महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पद पर कार्यरत रहे।