DA Hike, Dearness Allowances, 8th Pay Commission, Old Pension Scheme: भारत सरकार के नए गठन के बाद, सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न संगठन अपनी लंबित पड़ी मांगों को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
कर्मचारियों के पेंशन और महंगाई भत्ते में वृद्धि को लेकर सरकार जल्द महत्वपूर्ण फैसला दे सकती है।नए वेतन आयोग के गठन पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है।
इसके साथ ही नई मांग शुरू कर दिए गए हैं। कर्मचारियों की मांग पर आधारित, एक नया 8वां वेतन आयोग भी 2026 में लागू हो सकता है।
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इस आयोग के अनुसार, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में अन्य 3 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है, जो वेतन में और एक स्थायी बदलाव ला सकती है।
7वें वेतन आयोग 2016 में लागू
यह नया वेतन आयोग भी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास हो सकता है, जो कर्मचारियों की तय की अवधारणा और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए अग्रसर कर रहा है।
7वें वेतन आयोग की बात करें, तो उसका गठन साल 2014 में हुआ था। जिसे 2016 में लागू किया गया था।
इसके बाद सरकार ने कई बार कर्मचारियों के वेतन में सुधार किया है, जो की मुख्यतः उनकी आधुनिकीकरण और आर्थिक संवृद्धि के लिए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
एक वेतन आयोग की आवश्यकता और उसकी गणना उनकी संख्यात्मक संबद्धता, आर्थिक दशा, और सरकार की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है।
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कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन मानदंडों को ध्यान में रखते हुए उनकी बढ़ती हुई जिम्मेदारियों के लिए नई सुविधाएं प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और सुविधाओं में सुधार करना भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
आठवें वेतन आयोग के गठन की भी मांग
नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक और एआईआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने 11 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
इस पत्र में उन्होंने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की है। उन्होंने इसके साथ ही केंद्र सरकार से ‘आठवें वेतन आयोग’ के गठन की भी मांग की है।
एनजेसीए के महासचिव ने अपने पत्र में कहा ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के करीब 9 लाख सदस्यों के बारे में भी उल्लेख किया और सरकार की योजनाओं में उनकी सहभागिता की बात की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने एआईआरएफ के 24 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित ‘शताब्दी महोत्सव’ के अवसर पर एक प्रेरणादायक संदेश भेजा था, जिसके उत्तर में शिवगोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री को इस प्रकार के पत्र लिखा है।
18 माह के डीए का एरियर, OPS, सीजीएचएस और एलटीसी सहित अन्य मांगें
स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने भी 11 जून को ही केंद्रीय कार्यालय के नई केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को एक पत्र लिखा है।
उन्होंने इस पत्र में ’21’ मांगों की बात की है, जिसमें ओपीएस, कोविड-19 के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर, सीजीएचएस और एलटीसी सहित अन्य मांगें शामिल हैं।
इस पत्र में श्रीकुमार ने डॉ. जितेंद्र सिंह से मिलने का समय भी मांगा है, जिसके जरिए उन्होंने इन मांगों को लेकर चर्चा करने की बात की है।
उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए न्याय से भरा होना चाहिए, ताकि उनकी बुनियादी सुविधाओं को मजबूती से संरक्षित किया जा सके।
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