- एनजीटी के आदेश बेअसर! कौन रोकेगा दंतेवाड़ा में हो रही अवैध टेलिंग्स डंपिंग?
- पर्यावरण प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट! प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
खबर बस्तर @ दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर में औद्योगिक कचरे (Industrial Waste) के सही निस्तारण के नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है। आर्सेलर मित्तल निपान स्टील किरंदुल प्लांट से निकलने वाली टेलिंग्स (औद्योगिक ठोस अपशिष्ट) को प्रशासनिक दिशानिर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए कहीं भी डंप किया जा रहा है।
दंतेवाड़ा में आर्सेलर मित्तल निपान स्टील प्लांट से निकलने वाले औद्योगिक कचरे (टेलिंग्स) का अवैध डंपिंग एक बड़ा मुद्दा बन गया है। यह कचरा न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है।
नियमों की खुली अवहेलना करते हुए इस कचरे को जगह-जगह डंप किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा न तो पंचायत से अनुमति (NOC) ली जा रही है और न ही परिवहन एवं पर्यावरण से जुड़े नियमों का पालन किया जा रहा है।
NGT के आदेशों की अनदेखी, SWM नियमों का खुला उल्लंघन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 (Solid Waste Management Rules 2016) को दरकिनार कर प्रशासन और पुलिस विभाग टेलिंग्स को बिना किसी ठोस योजना के इधर-उधर डंप करवा रहा है।
पहले कारली स्थित पुलिस लाइन के पास तालाब के किनारे टेलिंग्स डंप की गई थी, और अब निर्माणाधीन डीआईजी कार्यालय के पीछे इसे खुलेआम डंप किया जा रहा है।
बीते सप्ताह से लगातार टेलिंग्स डालने का सिलसिला जारी है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आसपास के रहवासियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
खास बात यह है कि प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम पर्यावरण का विनाश हो रहा है और जिम्मेदार कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बन बैठे हैं।
पंचायत के NOC के बिना हो रही डंपिंग
बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने इस कार्य के लिए पंचायत से कोई अनुमति (NOC) नहीं ली है। इस संबंध में प्रशासन को शिकायत पत्र भी सौंपा गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
एनजीटी में जा चुका है मामला, फिर भी अनदेखी
बता दें कि कुछ समय पहले यह मामला एनजीटी (NGT) में भी उठ चुका है। तब स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। इसके बावजूद प्रशासन ने नए ठेकेदार को फिर से डंपिंग की अनुमति दे दी।
किसान संघ की चेतावनी
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मधुसुधन सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी है कि यह कचरा खेतों और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। पहले जिन खेतों के आसपास यह कचरा डाला गया था, वहां की जमीन बंजर हो गई है। यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो किसान संघ आंदोलन शुरू करेगा।
स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
कारली में जहां टेलिंग्स डंप की जा रही है, वहाँ पुलिसकर्मियों की एक आवासीय कॉलोनी भी है। डाक्टरों की मानें तो टेलिंग्स का महीन डस्ट हवा में उड़कर सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंच सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
एसडब्ल्यूएम नियमों के अनुसार टेलिंग्स डंपिंग के दिशा-निर्देश
- टेलिंग्स डंप करने की जगह किसी भी राष्ट्रीय या राज्यीय हाईवे से कम से कम 200 मीटर दूर होनी चाहिए।
- डंपिंग स्थल के पास कोई आवासीय क्षेत्र नहीं होना चाहिए।
- एक बार टेलिंग्स डालने के बाद उस पर मिट्टी की एक परत डालनी अनिवार्य होती है, ताकि धूल और प्रदूषण को कम किया जा सके।
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