नक्सलगढ़ में देवदूत बने जवान, प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
के. शंकर @ सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तैनात सुरक्षा बल के जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल कायम की है। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के लिए जवान देवदूत बनकर सामने आए हैं।
दरअसल, एक गर्भवती महिला को जवानों ने प्राथमिक उपचार कर अस्पताल पहुंचाया। समय पर अस्पताल में दाखिला होने से महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। फिलहाल जच्चा—बच्चा दोनों सुरक्षित है।
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला कोंटा ब्लॉक के पोटकपल्ली का है। इस गांव की रहने वाली महिला वेट्टी माया को शनिवार की सुबह अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई।
परिजनों के पास महिला को अस्पताल लेकर जाने कोई साधन नहीं था। ऐसे में घरवाले मदद मांगने पोटकपल्ली पुलिस कैंप पहुंचे और इस मामले की जानकारी फोर्स को दी।
मामले की गंभीरमा को देखते हुए सीआरपीएफ के डॉक्टर समीर, डीआरजी, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान फौरन मौके पर पहुंचे। डॉक्टरों ने महिला का प्राथमिक उपचार किया फिर एक पिकअप की व्यवस्था कर महिला को 70 किमी दूर गांव में स्थित अस्पताल भिजवाया।
अस्पताल में महिला की सुरक्षित डिलवरी हुई। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टरों ने बताया कि, महिला और उसकी नवजात बेटी दोनों सुरक्षित हैं।
फोर्स की मदद से समय रहते अस्पताल पहुंचने के बाद महिला के परिजनों ने जवानों को धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं अफसरों का कहना है कि करीब साल भर पहले ही इलाके में कैंप खोला गया है।
यह पूरा इलाका नक्सलियों के कब्जे में था। पहले सुरक्षा बलों को देखकर ग्रामीण घबराते थे। लेकिन अब दूरियां घटने लगी है और कोई भी समस्या आने पर ग्रामीण जवानों के पास मदद के लिए आते हैं।