अपहृत युवक के कपड़े आखिर थाने में क्यों हुए जमा ? अपहरण के 14 दिन बाद भी सुराग नहीं, दहलीज पर बैठी पत्नी को अभी भी इंतजार !
पंकज दाऊद @ बीजापुर। गंगालूर बाजार से 14 दिन पहले अपहृत पूर्व नक्सली चन्नूराम माड़वी के बारे में कोई पुख्ता जानकारी अब तक नहीं है। इधर, नक्सलियों ने चन्नू को उठाकर ले जाने के दौरान दुवालीपारा में मिंगाचल नदी के किनारे उसके शर्ट पेेंट उतरवा दिए थे। अब ये कपड़े गंगालूर थाने में जमा हैं।
चन्नूराम माड़वी (26) ने करीब तीन माह पहले सरेण्डर किया था। जप्पेमरका निवासी चन्नू ने सरेण्डर से पहले एक माह हैदराबाद में बिताया। फिर कुछ आरक्षकों की सलाह पर उसने सरेण्डर कर दिया। वह मिलिशिया मेंबर था और नक्सली संगठन से बाल संघम के वक्त से जुड़ा था।
सरेण्डर के बाद वह अपने परिवार के साथ यहां शांतिनगर में आकर रहने लगा। उसकी पत्नी और चार बच्चे हैं। परिवार के लोगों केे मुताबिक वह 22 मार्च की दोपहर अपने दो रिश्तेदारों के साथ चावल लेने गंगालूर गया था। बाजार से नक्सलियों उसका अपहरण कर लिया।
बताया गया है कि उसके शर्ट और पेंट वहीं नक्सलियों ने उतरवा दिए। दूसरे दिन ये कपड़े पुलिस ने बरामद किए। उसके रिश्तेदार भी अंदरूनी गांव तक इसलिए पता लगाने नहीं जा रहे हैं क्योंकि उन्हें भी जान का खतरा है।
चन्नू के रिश्तेदारों को भी ये पुष्ट जानकारी नहीं है कि वह अभी कहां है ? परिवार के कुछ सदस्य उसकी हत्या हो जाने की बात भी कर रहे हैं। उन्हें भी ठीक से इस बारे में कुछ नहीं पता है।
चौखट पर पति का इंतजार
पत्नी पाण्डे माड़वी का दिन का वक्त घर की चैखट पर गुजरता है। वह इसी आस में बैठी है कि चन्नू आ जाएगा। बताया गया है कि मिलिशिया में रहने के दौरान चन्नू भरमार रखता था। वह भैरमगढ़, मिरतूर, तिमनार, पुरवाड़ा, कोड़ेपाल एवं अन्य इलाको में सक्रिय था।