नवरात्र में कर सकेंगे मां दंतेश्वरी के VIP दर्शन, गर्भगृह तक जाने की मिलेगी अनुमति…. जानिए VIP दर्शन के लिए क्या करना होगा ?
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में इस बार शारदीय नवरात्र के मौके पर श्रद्धालुओं को माता रानी के वीआईपी दर्शन का अवसर मिलेगा। टेंपल कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
दंतेश्वरी मंदिर में अब भक्तों को मांईजी के वीआईपी दर्शन करने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए भक्तों को 2100 रुपए का शुल्क अदा करना होगा।
शुल्क पटाने के बाद परिवार के 4 सदस्य व 2 बच्चों को एक साथ गर्भगृह तक जाकर माता रानी के दर्शन-पूजन करने का मौका मिलेगा।
सामान्य तौर पर भक्तों को मंदिर के गर्भगृह के बाहर स्थित गणेश जी की मूर्ति के पास से ही माता रानी के दर्शन करने की अनुमति है।
नवरात्र के दौरान शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से माता के दर्शन करने में लोगों को असुविधा होती है। भारी भीड़ की वजह से श्रद्धालु जल्दबाजी में माता के दर्शन कर लौटते हैं।
दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार, विधायक देवती कर्मा, मंदिर के प्रधान पुजारी की उपस्थित में हुई टेंपल कमेटी की बैठक में VIP दर्शन को लेकर यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि बीते नवरात्रि में प्रायोगिक तौर पर मदिर में सशुल्क विशेष दर्शन की शुरुआत की गई थी। उस वक्त 1100 रुपए का शुल्क देकर 4 व्यक्तियों को वीआईपी दर्शन करने का मौका मिला था।
इस सुविधा से भक्तों को जहां माता के दर्शन करीब से करने का मौका मिला, वहीं टेंपल कमेटी को भी 1 लाख रूपयों से ज्यादा की आय हुई थी।
नवरात्रि के दौरान वीआईपी दर्शन की यह सुविधा पूरे 9 दिनों तक उपलब्ध थी। सीएम भूपेश बघेल ने भी 2100 रूपए शुल्क भुगतान कर मांईजी का विशेष दर्शन किया था।
इस सुविधा को मिले बेहतर रिस्पॉन्स के बाद टेंपल कमेटी ने इस बार इस शुल्क को बढ़ाकर 2100 रुपए कर दिया है।
परिवार के 4 सदस्य और 2 बच्चों के अलावा भक्तों की संख्या बढ़ने पर प्रति सदस्य 300 रुपए का शुल्क अलग से देकर मंदिर में वीआईपी दर्शन किया जा सकता है।
बता दें कि बीते दो साल से कोविड संक्रमण के चलते नवरात्र के दौरान मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी। कोविड प्रोटोकाल के तहत श्रद्धालुओं को शक्तिपीठ में प्रवेश कराया जा रहा था।
वहीं दूरदराज से दंतेवाड़ा पहुंचने वाले पदयात्री श्रद्धालुओं को भी पदयात्रा करने से मना किया गया था।