मनरेगा की राशि नहीं मिली, नहर का काम अधूरा रह गया… मजदूरों ने भी हाथ खींचे
पंकज दाउद @ बीजापुर। भैरमगढ़ ब्लाॅक की कोडोली पंचायत में जल संसाधन विभाग की ओर से मनरेगा की राशि से बनाई जा रही नहर का काम मजदूरी नहीं मिलने से रूक गई है। पंचायत को बकाया राशि छह लाख रूपए अब तक नहीं मिल पाई है।
कोडोली तालाब से ये नहर निकाली गई है। बताया गया है कि दो हजार मीटर लंबी इस नहर पर सामान का खर्च एक करोड़ 29 लाख 10 हजार रूपए अनुमानित है जबकि मजदूरी पर 39 लाख 10 हजार रूपए का खर्च आना है। तीन जनवरी 2020 को ये काम पूर्ण हो जाना था लेकिन काम ही आठ माह पहले शुरू हुआ। चार माह से काम बंद है।
पहले 176 रूपए की दर पर मजदूरी का भुगतान किया गया लेकिन बाद में ये दर बढ़कर 190 रूपए हो गई। गांव में पहले 218 जाॅब कार्ड थे लेकिन अब ये संख्या बढ़कर 240 हो गई है। 622 पंजीकृत हितग्राही हैं।
बताया गया है कि काम की देखरेख जल संसाधन विभाग के एसडीओ ओपी कश्यप कर रहे हैं। मटेरियल का पैसा दुकानदार के खाते में आता है जबकि मजदूरों का पैसा पंचायत के खाते में आता है। चार माह से पैसा नहीं आया है। बताया गया है कि करीब छह लाख रूपए की मजदूरी बकाया है।
पंचायत सचिव सी राममूर्ति बताते हैं कि मजदूरी नहीं आने से मजदूर उन्हें परेशान कर रहे हैं। चार माह से काम बंद हो गया है। 160 मीटर का काम बचा है। एसडीओ ने बताया कि इस नहर से 235 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इसमें रबी का रकबा 44 हेक्टेयर भी शामिल है। कोडोली पंचायत के ज्यादातर हिस्से में इससे सिंचाई हो सकेगी जबकि नेलसनार का कुछ क्षेत्र भी इससे लाभान्वित होगा।
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