मारपीट की घटना का डॉक्टरों ने जताया विरोध… बोले- ‘ जी हुजूरी ‘ का सब्जेक्ट नहीं है मेडिकल कोर्स में
पंकज दाऊद @ बीजापुर। नेताओं की जी हुजूरी का सब्जेक्ट मेडिकल कोर्स में नहीं है। ऐसा होता तो जशपुर जिले के दुर्गम गांव की सीएचसी में सत्तापक्ष के नेता 25 मई की रात दो युवा डॉक्टरों से मारपीट नहीं करते।
इस आशय का एक ज्ञापन भैरमगढ़ के बीएमओ को मुख्यमंत्री के नाम मेडिकल ऑफिसर डॉ अजय ध्रुव, डॉ रमेश तिग्गा, डॉ सरिता मनहर, डॉ सत्यप्रकाश खरे एवं डॉ यशवंत राव गुरला ने सौंपा।
डॉक्टर इस मारपीट के विरोध में बैंडेज और काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये विरोध 31 मई को एक दिनी था।
आरोप है कि दुलदुला गांव की पीएचसी में सत्तापक्ष के आशीष सतपथी एवं अन्य आरोपियों ने डॉ नीतीश आनंद सोनवानी और डॉ महेश्वर माणिक के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
डॉक्टरों के मुताबिक, एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। वहीं एफआईआर में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की दफा भी नहीं जोड़ी गई है। अब डॉक्टर और उनके परिजनों पर दबाव डाला जा रहा है।
डाक्टरों का कहना है कि दुर्गम इलाके में सेवारत होकर उन्होंने कोई अपराध किया है। उन्हें भय सता रहा है। उनका कहना है कि कोरोना काल में कई डॉक्टरों का निधन हो गया लेकिन वे काम करते रहे।
अब मारपीट का भी खौफ है। डॉक्टरों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की धारा जोड़ने की मांग की है।