जनपद CEO और बाबू के खिलाफ FIR दर्ज… शासकीय राशि गबन मामले में कार्रवाई, जनपद उपाध्यक्ष ने कलेक्टर से की थी शिकायत
रायपुर @ खबर बस्तर। शासकीय राशि के गबन और गंभीर वित्तीय अनियमितता के मामले में पुलिस ने जनपद सीईओ और सहायक ग्रेड-2 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष ने इस मामले का खुलासा करते हुए कलेक्टर से लिखित शिकायत की थी। मामले की जांच के बाद शिकायत की पुष्टि होने और गंभीर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है।
पुलिस ने जनपद सीईओ और सहायक ग्रेड-2 के विरूद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है। इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है, जहां वित्तीय अनियमितता को लेकर जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष कौशिल्या वैष्णव और जनपद सीईओ जीकेमिश्रा के बीच पिछले लंबे समय से तनातनी चल रही है।
जनपद उपाध्यक्ष कौशिल्या वैष्णव ने सीईओ जीकेमिश्रा पर जनपद के शासकीय खाते से खुद के निजी खाते और कार्यायल के बाबू सुरेश पांडेय के खाते में आरटीजीएस करने की शिकायत कलेक्टर से की थी।
शिकायत पत्र में बकायदा जनपद से बैंक को जारी आरटीजीएस पत्र को भी संलग्न कर जांच की मांग की गयी।
इस गंभीर शिकायत पर कलेक्टर संजीव झा ने जिला पंचायत सीईओं नूतन कंवर और जिला कोषालय अधिकारी को 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया गया था।
जिला प्रशासन की जांच में जनपद सीईओ जीके मिश्रा और जनपद के सहायक ग्रेड-2 सुरेश पांडेय के खिलाफ की गयी शिकायत सही पाई गई।
जांच में पाया गया कि जनपद सीईओ और उनके अधीनस्त कार्यरत कर्मी ने शासकीय राशि का कपटपूर्ण गबन और गंभीर वित्तीय अनियमितता कर साढ़े तीन लाख रूपये अपने निजी खातें में आरटीजीएस किया गया था।
लिहाजा इस मामले पर सहायक आयुक्त आदिवासी माया वारियर की लिखित शिकायत पर आदिवासी विभाग के क्षेत्र संयोजक राधेश्याम मिर्झा ने सिविल लाइन थाना रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया है।
राधेश्याम मिर्झा की रिपोर्ट पर पुलिस ने जनपद सीईओ जीकेमिश्रा और सहायक ग्रेड-2 सुरेश पांडेय के खिलाफ धारा 409, 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।