अर्जुन का मोबाइल नक्सलियों के पास, दो दिन पहले निकला था घर से, फिर नहीं लौटा!
पंकज दाऊद @ बीजापुर। सीएएफ में कार्यरत जवान अर्जुन कुड़ियम (25) की हत्या नक्सलियों ने बीती रात कर दी और ये आरोप लगाया कि वह गांवों में लोगों को परेशान करता था। नक्सलियों ने उसका मोबाइल भी रख लिया है।
सूत्रों के मुताबिक सीएएफ की 15वीं बटालियन में करीब छह साल से अर्जुन नियुक्त था। नवंबर से वह अवकाश पर था और तब उसकी पदस्थापना बासागुड़ा में थी। 23 फरवरी को वह धनोरा स्थित घर से निकला। वह किसके साथ और कब निकला, इसका पता अब तक नहीं चल पा रहा है।
बताया गया है कि उसके दो भाई हैं और खेती करते हैं। वे धनोरा में दूसरे घर में रहते हैं। उसकी दो बहनों का विवाह हो गया है। एक अविवाहित बहन उसके साथ रहती थी और वह क्लर्क है।
23 फरवरी को बहन ड्यूटी चली गई थी और घर में अर्जुन अकेला था। वह कहीं चला गया। फिर 25 फरवरी को गंगालूर रोड से कोई तीन किमी दूर रेड्डी सड़क पर उसका शव मिला। उसकी हत्या गला घोंटकर की गई।
किसी को ये नहीं पता कि उसका अपहरण कब किया गया और वह गंगालूर इलाके में कैसे आया ? उसके परिवार वालों ने बताया कि गंगालूर इलाके में उनका कोई रिश्तेदार नहीं रहता है और ना ही कोई मित्र।
नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमेटी ने शव के पास एक पर्चा छोड़ा है। इसमें जवानों से पुलिस की नौकरी छोड़ने और ग्रामीणों को परेशान नहीं करने कहा है। सुबह गंगालूर थाने के जवानों ने शव बरामद किया। इसके बाद गंगालूर में ही पोस्टमार्टम किया गया। थाने में सलामी के बाद शव को भेजा गया।