पंकज दाऊद @ बीजापुर। तेलंगाना के मुलगू जिले के मेडारम में फरवरी में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध समक्का-सारलम्मा मेले में इस बार बदलाव नजर आने वाला है। दरअसल, प्रशासन ने मेले को अब ‘प्लास्टिक फ्री’ घोषित करते हुए प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी है।
– मेडारम मेले में पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु
इस बारे में मुलगू कलेक्टर सी नारायण रेड्डी ने अभी से पर्चा जारी किया है। इसमें श्रद्धालुओं से ना केवल मेडारम मेले अपितु समूचे मुलगू जिले को प्लास्टिक फ्री घोषित करने में सहयोग की अपील की है।
ऐसी जागरूकता लाने के लिए तेलंगाना के अफसर इन दिनों पड़ोसी प्रांतों के अफसरों से संपर्क कर रहे हैं। तीन दिन पहले मुलगू जिले के वेंकटापुरम के जनपद सीईओ भोपालपटनम आए थे। उन्होंने भोपाटलटनम सीईओ एसबी गौतम से इस बारे में चर्चा की और पर्चे दिए।
– तेलंगाना सरकार द्वारा जारी पर्चा
सीईओ एसबी गौतम ने बताया कि वे हर पंचायत में इस बात की जानकारी देने सचिवों से कहेंगे। पंचायतों में इन पर्चों का वितरण भी किया जाएगा। ज्ञात हो कि यहां से करीब 130 किमी दूर मेडारम में भरने वाले मेले में तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु लाखों की संख्या में आते हैं।
दक्षिण भारत के कुंभ मेले के तौर पर मशहूर मेडारम जात्रा हर दो साल में एक बार आयोजित किया जाता है। समक्का-सारलम्मा देवी के दर्शन हेतु इस जात्रा में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मुर्गे और बकरों की बलि दी जाती है। इसके अलावा नारियल और गुड़ विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं।
बता दें कि छग से लोग तारलागुड़ा के रास्ते जाते हैं। वहीं कोण्टा की ओर से भी बस्तर के लोग वहां पहुंचते हैं। केवल छत्तीसगढ़ से ही जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है।
हालांकि, तीन साल पहले एटुरनगरम के पास गोदावरी नदी में पुल बन जाने से क्षेत्रीय श्रद्धालुओं को राहत मिली है। पहले लोगों को भद्राचलम के रास्ते जाना पड़ता था और दूरी करीब दो गुनी होती थी।
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