#Covid-19 से बचने #ग्रामीणों ने #गांव में की #नाकाबंदी, बाहरी #शख्स के #प्रवेश पर #2000 हजार का #जुर्माना!
के. शंकर @ सुकमा। कारोना वायरस (Covid-19) ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। देशभर में इस जानलेवा वायरस को लेकर लोगों में फैली दहशत के बीच छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले की ये तस्वीर सुकून देने वाली है।
दरअसल, सुकमा के डुब्बाटोटा गांव में गांव वालों ने कोरोना से निपटने खुद ही जिम्मेदारी उठाते बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। गांव के बाहर ग्रामीणों ने बाकायदा नाकाबंदी कर सूचना चस्पा कर दी है कि गांव में कोई भी बाहरी शख्स प्रवेश ना करे।
गांव में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर 2000 रूपए का जुर्माना लगाने की बात भी ग्रामीणों ने सूचना बोर्ड में लिख रखी है।
ऐसा ही नजारा जिले के कांजीपानी गांव में नजर आ रहा है। यहां पंचायत द्वारा गांव की सीमा पर नाका लगाया गया है। लकड़ी से बने अस्थाई नाके पर कागज के गत्ते पर लिखा गया है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। साथ ही धारा 144 लागू है और गांव पूरी तरह लॉकडाउन है।
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— Khabarbastar.in (@khabarbastar) March 23, 2020
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे जिले में लॉक डाउन है। शासन-प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी पंचायत स्तर पर लोग जागरूकता का परिचय दे रहे हैं। कई पंचायतों में बाहर से आ रहे लोगों को पहले अस्पताल भेजा जा रहा है उसके बाद गांवों में प्रवेश दिया जा रहा है।
आमतौर पर बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र समझा जाता है और लोगों की धारणा रही है कि यहां के लोग देश दुनिया से वाकिफ नहीं है। लेकिन ग्रामीणों की इस जागरूकता ने साबित कर दिया है कि यहां से लोग अशिक्षित भले ही हों लेकिन नासमझ नहीं है।
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