पूर्व मंत्री महेश गागड़ा का आरोप, धान खरीदी पर भूपेश सरकार की मंशा साफ नहीं… 4 के बदले 1 लाख बारदाने का ही किया टेण्डर, ठगे रह गए किसान
पंकज दाउद @ बीजापुर। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार की किसानों का पूरा धान खरीदने की मंशा शुरू से ही नहीं थी और इसलिए 4.45 लाख की मांग के मुकाबले राज्य सरकार ने केवल एक लाख बारदानों का टेण्डर किया। यहां नहीं बल्कि समूचे राज्य में धान खरीदी की बुरी स्थिति है।
यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा, जिला सह प्रभारी धनीराम बारसे एवं भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास राव मुदलियार ने कहा कि किसानों को भूपेश सरकार ने भ्रम में रखा, चाहे वो गिरदावरी की बात हो या फिर रकबे की।
राज्य सरकार को 90 लाख मेट्रिक टन धान खरीदना है और केन्द्र राज्य से 24 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदेगी। पिछले साल भी भूपेश सरकार ने 86 फीसदी धान ही खरीदा था। बारदानों को लेकर सेल्समेन एवं प्रबंधकों को धमकाया जा रहा है। रिकवरी नहीं पटाने पर निलंबन की चेतावनी दी जा रही है।
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अब कांग्रेस कार्यकर्ता ही महंगे दामों पर बोरे बेच रहे हैं। खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था फैली हुई है। पत्र वार्ता में भाजपा अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुखलाल पुजारी, उपाध्यक्ष घासीराम नाग एवं जिला मंत्री सत्येन्द्र ठाकुर मौजूद थे।
नियमितीकरण पर सरकार मौन
महेश गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों के नियमितीकरण की बात कही थी लेकिन अब इससे मुकर रही है। इधर, सचिव और पटवारी आंदोलित हैं। अब तक पटवारियों को तबादले का डर दिखाया जा रहा है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी लेकिन ढाई हजार रूपए भत्ते पर सरकार चुप है।
किसानों की परेशानियों को लेकर रैली की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस तरह लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश सरकार कर रही है। गंगालूर से निकाली गई रैली पर पुलिस ने डण्डे बरसाए लेकिन इस पर भी सरकार चुप है। जब भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष थे तब वे तुरंत जांच कमेटी बनाते थे। अब आदिवासी हित की बात कहां गई।
जिले में भ्रष्टाचार का आलम
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि पूरे जिले में भ्रष्टाचार का आलम है। सड़कें बनने के 15 दिन बाद ही उखड़ जा रही है। इसमें विधायक, अफसर और ठेकेदार की मिलीभगत है। कमीशन के चलते घटिया काम हो रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उपकृत करने पोटा केबिन और आश्रमों की रंगाई पुताई की जा रही है।
सोच वैज्ञानिक नहीं
पूर्व मंत्री ने कहा कि बस्तर में गोठान की सोच पर वैज्ञानिक तरीेके से मंथन होना चाहिए। मवेशी जंगल में जाते हैं और वहां गोबर आता है। इससे जंगल की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। पूरे प्रशासन को गोठान में झोंक देने से विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है। सभी को जमीन देने के लुभावने वादे का असर ये हो रहा है कि जंगल तेजी से काटे जा रहे हैं और वहां लोग कब्जा कर रहेे हैं।
संगदिल सरकार, मौत पर मुआवजा दे
भाजपा नेता महेश गागड़ा ने कहा कि सीएम प्रवास के एक दिन पहले महादेव तालाब के किनारे काम पर लगाए गए एक मजदूर हरीश की मौत करंट लगने से हो गई। इस ओर ना तो किसी अफसर और ना ही किसी कांग्रेसी ने संवेदना व्यक्त की।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) January 11, 2021
सीएम ने भी मंच या कहीं और इस बारे में संवेदना के दो शब्द नहीं कहे। महेश गागड़ा ने मांग की कि हादसे में मृत महेश के परिवार को मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
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