वन अधिकार: 50 लोगों को पट्टे मिले, 20 फंसे कायदों में… शहरी इलाकों में पहली दफे जमीन का हक
पंकज दाऊद @ बीजापुर। देश में छग ही ऐसा प्रांत है जहां शहरी क्षेत्रों में बसे लोगों को वन अधिकार के पट्टे दिए जा रहे हैं। यहां पालिका क्षेत्र में भी अब तक 50 लोगों को पट्टों का वितरण किया गया जबकि सरकारी नौकरी होने या रेकाॅर्ड नहीं मिलने के कारण बीस हितग्राही इससे महरूम हैं।
बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी के मुख्य आतिथ्य में यहां नगरपालिका कार्यालय परिसर में 32 लोगों को पट्टे दिए गए। पालिका क्षेत्र के कुछ सरहदी इलाके मसलन कोकड़ापारा, पनारापारा, चालकीपारा, पुजारीपारा आदि में वन भूमि पर ये लोग 2005 से पहले काबिज थे।
सरकारी नौकरी होने या रेकाॅर्ड दुरूस्त नहीं होने पर आवेदन करने वाले पात्र नहीं होते हैं। ऐसे ही कुछ कायदों में 20 लोगों को वनाधिकार पट्टा नहीं मिल पा रहा है। इसके पहले पालिका क्षेत्र में 18 लोगों को एक वर्चुअल कार्यक्रम में वनाधिकार के पट्टे दिए गए।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियम, पालिका अध्यक्ष बेनहूर रावतिया, सांसद प्रतिनिधि आर वेणुगोपाल राव, सीएमओ पवन मेरिया, कांग्रेस नेता लक्ष्मण कड़ती, घासीराम नाग, प्रवीण डोंगरे, कलाम खान, सोनमति ताती, जितेन्द्र हेमला, ललिता झाड़ी, कविता यादव आदि मौजूद थे।
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कार्यक्रम का संचालन शहरी आजीविका मिशन के कृष्णा रेड्डी ने किया। आभार पालिका उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम सल्लूर ने माना। इस मौके पर बस्तर विकास प्राधिकरण की ओर से शहीद वीरनारायण स्वावलंबन योजना के तहत 13 लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण की पहली किस्त 70-70 हजार रूपए के चेक दिए गए। इन्हें दो लाख रूपए का कर्ज दिया जाना है।
पालिका क्षेत्र में वनाधिकार पट्टे देना कठिन काम
विधायक विक्रम मण्डावी ने कहा कि भूपेश सरकार ने पहली बार शहरी इलाके में रह रहे लोगों के लिए वनाधिकार पट्टे का प्रावधान किया। भाजपा काल में एक भी ऐसा पट्टा नहीं मिला। उन्होंने बताया कि गांव में वनाधिकार के पट्टे की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।
जिले में अब तक दो हजार वनाधिकार पट्टे दे दिए गए हैं और दो हजार पट्टे बनकर तैयार हैं। अब तो आदिवासी ही नहीं बल्कि ओबीसी को भी नियमों के तहत वनाधिकार पट्टा दिया जा रहा है। ये भूपेश सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।
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इस अवसर पर बविप्रा सदस्य नीना रावतिया उद्दे ने कहा कि भूपेश सरकार ने जो काम किए, वो पिछले 15 साल में रमन सरकार ने नहीं किए थे। गोधन योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं। युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने कहा कि जिन लोगों को पट्टा नहीं मिला है, उन्हें आवेदन देने पर नियम के तहत पटटा दिया जाएगा।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालू राठौर ने कहा कि कांग्रेस सरकार गरीबों और आदिवासियों की हितैषी है। वनाधिकार पट्टे में अड़चन भी पैदा हुई थी लेकिन भूपेश सरकार ने इन अड़चनों को पार कर लिया।