हैजे से भी बर्बाद हुआ था एक डैम… आज भी खण्डहर बताते हैं अपनी कथा-व्यथा
पंकज दाऊद @ बीजापुर। यहां से कोई 70 किमी दूर भोपालपटनम ब्लॉक के गोदावरी नदी में पांचवी दहाई में शुरू किया गया डैम खुद अपनी कथा-व्यथा बताता है। हैजे से अधूरे पड़े इस डैम की खूबसूरती भी नायाब है।
इंचमपल्ली में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में शुरू किया गया ये बांध अब बस खण्डहर ही है। इस काम को आगे बढ़ाने किसी भी सरकार ने कोशिश नहीं की।
छग कृषक आयोग के मेंबर एवं जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी बताते हैं कि इस बांध को सिंचाई के मकसद से बनाया जा रहा था। बांध की नींव रख दी गई थी। इसकी दीवारें भी उठ गई थीं।
इस बीच घने जंगल में बनाए जा रहे इस बांध में काम कर रहे मजदूरों में हैजा फैल गया। आसपास ना तो चिकित्सा की सुविधाएं थीं और ना ही परिवहन की सुविधा। कई मजदूरों की मौत हो गई।
मजदूर उस समय बड़ी संख्या में थे क्योंकि तब मशीन से काम नहीं किया जाता था। कॉलम भी खड़े नहीं किए जाते थे। मजदूर वहां से अपने सामान छोड़कर भागने लगे। मजदूरी के सामान डैम के आसपास छोड़कर ही मजदूर चले गए।
कुछ दिनों पहले तक भी यहां सामान दिखते थे। बांध की शैली भी उच्चकोटि की है। हैजा तो खत्म हो गया लेकिन फिर सरकार ने इस ओर नहीं देखा। तब से आज तक ये उसी हाल में है।
समय सीमा बढ़े
छग कृषक आयोग के सदस्य बसंत राव ताटी दक्षिण बस्तर में सिंचाई साधनों को विकसित करने फिक्रमंद हें। वे दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर के प्रभारी हैं। उनका कहना है कि जब तक सिंचाई के साधन नहीं बढ़ेंगे, तब तक किसानों की बेहतरी नहीं हो सकती है।
बसंत ताटी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि धान खरीदी की समयसीमा पंद्रह दिन बढ़ा दी जाए क्योंकि भोपालपटनम के कुछ इलाके में खेत से धान नहीं निकाला गया है। खेतों में दलदल है।