अंदरूनी गांवों में खाने के लाले, लोगों तक नहीं पहुंच रहा अनाज… पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने केन्द्र के चावल में घपलेबाजी का लगाया आरोप
पंकज दाऊद @ बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि अंदरूनी गांवों में लोगों को खाने के पड़ गए हैं क्योंकि बारिश से पहले अनाज के भण्डारण का खाद्य विभाग का दावा खोखला है। नवंबर तक केन्द्र की ओर से मुफ्त में दिए जाने वाले चावल में भी गोलमाल हुआ है।
बता दें कि इन दिनों पूर्व मंत्री महेश गागड़ा बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे पर हैं और वे लोगों से उनकी समस्याओं को लेकर भी रूबरू हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजापुर ब्लाॅक के चेरकंटी और कोटेर गांवों में लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं। शनिवार की दोपहर 4 बजे तक गांव के कई लोग भूखे थे।
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इस बात से इसका साफ खुलासा होता है कि खाद्य विभाग का बारिश से पहले चावल डंप करने का दावा पूरी तरह खोखला है। महेश गागड़ा ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में कलेक्टर रितेश अग्रवाल काफी मेहनत कर रहे हैं लेकिन उनके मातहत कर्मचारी उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
गागड़ा ने कहा कि राजस्व मंत्री खुद इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं। बाढ़ में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इनके स्वामियों के लिए सरकार को तत्काल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर देना चाहिए। सीएसआर मद में भी काफी पैसा है और इस स्थिति में इस राशि का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
महेश गागड़ा भैरमगढ़ ब्लाॅक के छोटे पोटानार एवं गुदमा में 20 अगस्त को पहुंचे। यहां उन्होंने जरूरतमंदों को कंबल, शॉल, कपड़े, साड़ी एवं लुंगी दी। वे माटवाड़ा के समीप जैगूर गांव में जाकर लोगों से मिले। उन्होंने चेरपाल में भी लोगों से मुलाकात की और फौरी राहत दी।
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भोपालपटनम ब्लाॅक के गोरला गांव में उन्होने बाढ़ प्रभावितों को चावल, नमक समेत दीगर खा़द्य सामग्री, साड़ी, लुंगी एवं अन्य सामान दिए। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार सही तरीके से प्रभावितों तक मदद पहुंचाने में नाकाम रही है।
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