CM भूपेश ने चखा तेंदू फल से बने आइसक्रीम का स्वाद, नवाचार को सराहा
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। फाल्गुन मंडई के समापन कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा में तेंदू फल से बने आइसक्रीम का स्वाद लिया। जिला प्रशासन के इस नवाचार की उन्होंने जमकर तारीफ की।
बता दें कि जिला प्रशासन के सहयोग से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मौसमी तेंदू के फल से आइसक्रीम बनाने की शुरूआत की गई है।
तेंदू का पेड़ लघु वनोपज के श्रेणी में आता है। इसके पत्तियों को बीडी बनाने के उपयोग में लाया जाता है। जो कि बस्तर में हरा सोना के नाम से प्रचलित है। यह भारत के पूर्वी हिस्सों एवं मध्य भारत में बहुतायत में पाया जाता है।
अभी तक व्यावसायिक रूप से इसके पत्तियों का उपयोग किया जाता रहा है व फल का उपयोग ग्रामीण जन अपने खाने में तथा उसी मौसम में लोकल बाजारों में ही बेच कर आय प्राप्त करते है।
ताजा पके फल को सुरक्षित रखने की अवधि बहुत कम होती है। अगर ताजे फल के गुदा को प्रसंस्कृत कर माईनस 20-40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखते है तो पूरे वर्ष भर तेन्दू फल का स्वाद लिया जा सकता है।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) March 9, 2023
जिसके तारतम्य में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तेंदू फल का प्रसंस्करण कर आइसक्रीम व तेन्दू सेक बनाने का अन्वेषी कार्य प्रारंभ किया गया है।
तेन्दू फल में किये गये अनुसंधान के अनुसार तेन्दू फल एक प्रभावी एन्टीआक्सीडेंट, रेशे का अच्छा स्त्रोत, हृदय रोग के लिये लाभदायक तथा मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक है।
इस फल में खनिज तत्व अच्छा मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस एवं खनिज तत्व पाया जाता है।