अब इंद्रावती का पानी घरों तक पहुंचेगा ! जलशोधन संयंत्र की टेस्टिंग पूरी, पाइप लाइन से होगी पानी की सप्लाई
पंकज दाउद @ बीजापुर। इंद्रावती नदी का पानी जल शोधन संयंत्र से साफ होकर बुधवार से भोपालपटनम नगर पंचायत के घरों तक पहुंचेगा। जल शोधन संयंत्र की टेस्टिंग पूरी हो गई है।
इंद्रावती नदी में बनाए गए इनटेक वेल से राॅ वाॅटर की सप्लाई गोल्लागुड़ा में बने जल शोधन संयंत्र तक हो रही है। यहां पानी साफ करने का परीक्षण पूरा हो गया है। वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 20 लाख लीटर की है, जबकि भोपालपटनम नगर में इसकी खपत दस लाख लीटर रोजाना है।
पीएचई के सब इंजीनियर बीएल बंजारे ने बताया कि इससे आने वाले कई सालों तक पानी की दिक्कत नहीं होगी और लोगों को शुद्ध जल मिल सकेगा। भोपालपटनम-रालापल्ली समूह जल प्रदाय योजना के तहत इसका निर्माण किया गया है।
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लौह और फ्लोराइड की समस्या को देखते कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने सीईओ जनपद ओंकार सिंह को पैरा फिल्टर के इस्तेमाल के बारे में लोगों को बताने कहा था। महिलाओं को इसका डेमो दिया गया।
सब इंजीनियर ने बताया कि सीमेंट और ईंट से इसे बनाकर बाल्टी में फिक्स कर दिया जाता है। यहां पानी को डाला जाता है। इससे सीमेंट और ईंट आयरन को पूरा सोख लेते हैं। इससे कुछ हद तक फ्लोराइड की अशुद्धि भी दूर होती है।
बूढ़े होते गांव के लिए ये किया गया
गुल्लापेंटा पंचायत के गांव गेर्रागुड़ा में फ्लोराइड की समस्या काफी है। इससे बच्चों से लेकर बूढ़े तक प्रभावित हुए। अस्थियों का मुड़ जाना और दांत पीले पड़ जाना यहां आम बात है। कई युवा अभी भी बूढ़े नजर आते हैं।
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इस समस्या को देखते पीएचई ने गुल्लापेंटा बस्ती में एक सुरक्षित जलस्त्रोत की खोज की और 2017-18 में वहां से साफ पानी की सप्लाई दो किमी दूर गेर्रागुड़ा तक की। इससे गेर्रागुड़ा के लोगों को फ्लोराइड से निजात मिली।
ये है पीने लायक
बताया गया है कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा गेर्रागुड़ा में 2.50 पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) पाई गई है जबकि 1.5 पीपीएम तक के पानी का इस्तेमाल सुरक्षित है। अभी गेर्रागुड़ा में 35 से 40 घरों में तीस हजार लीटर पानी गुल्लापेंटा के स्त्रोत से आ रहा है। ये पूरी तरह सुरक्षित है।